आक्रोशित ग्रामीणों ने किया सड़क जाम, आरोपी शिक्षक पर कार्रवाई की मांग
जहानाबाद। गुरुवार को सदर प्रखंड का कसई मधय विद्यालय में जमकर बवाल मचा और इस दौरान विद्यालय प्रधान को मारपीट कर घायल कर दिया गया। जानकारी के अनुसार विद्यालय प्रधानाध्यापक को एक शिक्षक को जबरन हाजिरी बनाने से मना करना महंगा पड़ गया। देर से विद्यालय पहुंचे एक शिक्षक ने अपने प्रधानाध्यापक की जमकर पिटाई कर दी जिससे वह घायल हो गए।
इधर घटना से आक्रोशित ग्रामीणों व विद्यालय के बच्चों ने कसई गांव के समीप जहानाबाद अरवल एनएच 110 को जाम कर दिया और आरोपी शिक्षक की बर्खास्तगी की मांग करने लगे। घटना के सबंधा में बताया जाता है कि लगातर अनुपस्थित रहने के बावजूद भी सहायक शिक्षक संतोष कुमार उपस्थिति पंजी पर अपना हाजिरी बना रहे थे। इस पर प्रधानाध्यापक मोहन कुमार ने एतराज जताते हुए अनुपस्थित दिनों की हाजिरी बनाने के लिए शिक्षक को मना किया। लेकिन सहायक शिक्षक विद्यालय प्रधान की बात मानने की बजाय प्रधानाध्यापक उनसे भिड़ गए और उनके साथ मारपीट कर उसका सर फ़ोड़ दिया। वहीं घटना के बाद वह मौके से फ़रार हो गए।
इधर प्रधानाध्यापक द्वारा इस घटना की जानकारी लिखित आवेदन देकर परसबिगहा थाने को दी गई है। घटना के बाद छात्र व स्थानीय ग्रामीणों द्वारा जहानाबाद-अरवल सड़क मार्ग एनएच 110 को जाम कर दिया गया और दोषी शिक्षक को बर्खास्त करने की मांग करने लगे। इस बाबत एक ग्रामीण ने बताया कि उक्त शिक्षक सन्तोष कुमार विद्यालय नहीं आते हैं और जबरन उपस्थिति पंजी पर उपस्थिति दर्ज करते हैं। इसी क्रम में जब उन्हें प्रधानाध्यापक ने रोका तो उनके साथ मारपीट करने लगे। ग्रामीणों ने आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी के साथ उनपर विभागीय कारवाई की मांग की है।
इधर सड़क जाम की सूचना मिलते ही सदर प्रखण्ड के बीडीओ, सीओ व परसबिगहा थानाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और दोषी शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई का आश्वासन देते हुए लोगों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया तब जाकर सड़क जाम समाप्त हो सका। वहीं घटना के बाद शिक्षक शब्द को शर्मसार करने वाले आरोपी शिक्षक की चर्चा पूरे जिले में जोर-शोर से हो रही है।
लोग कह रहे हैं कि जब एक शिक्षक ही विद्या के मंदिर कहे जाने वाले विद्यालय में मारपीट करेंगे तो बच्चों के भविष्य का क्या होगा। जिनके कंधो पर देश के भविष्य निर्माण का जिम्मा है, उनके द्वारा ही इस तरह के कारनामे विद्यालय में किए जा रहे हैं तो यह काफ़ी दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि अब देखना यह है कि इस घटना के बाद शिक्षा विभाग क्या कार्रवाई करता है।