पहले शिक्षक बनेंगे दक्ष, फिर उनके माध्यम से बच्चे
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य के सभी 72 हजार प्रारंभिक विद्यालयों के 1ली से 8वीं कक्षा तक के करोड़ों बच्चों को अंग्रेजी में दक्ष बनाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलेगा। इसके लिए पहले इन विद्यालयों के लाखों शिक्षकों को अंग्रेजी में दक्ष बनाया जायेगा। उसके बाद शिक्षकों के माध्यम से बच्चे अंग्रेजी में दक्षता हासिल करेंगे। राज्य के सरकारी स्कूलों में 1ली कक्षा से ही अंग्रेजी की पढ़ाई होती है, लेकिन विभिन्न कारणों से बच्चे कक्षा के अनुरूप ज्ञान हासिल नहीं कर पाते हैं।
पहले शिक्षकों को और उसके बाद उनके माध्यम से बच्चों को अंग्रेजी में दक्ष बनाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाने का निर्णय शिक्षा विभाग ने लिया है। इसके लिए एससीईआरटी, लीप फॉर वल्र्ड एवं मेरिको के बीच सोमवार को एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ। लीप फॉर वल्र्ड नामक संस्था, जिसे मेरिको के द्वारा आर्थिक सहयोग दिया जाता है, ने शिक्षा विभाग की ओर से एससीईआरटी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया। संस्था ने बिना किसी वित्तीय खर्च के अंग्रेजी सिखाने का काम बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों एवं बच्चों के लिए करेगी। यह संस्था राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं झारखंड सहित देश के कई राज्यों में इस तरह के कार्य का अनुभव रखती है। संस्था द्वारा ऑनलाइन, यूट्यूब, व्हाट्सएप आदि के माध्यम से शिक्षकों का प्रशिक्षण होगा और प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा बच्चों को पढऩे में मदद की जायेगी। संस्था हर स्तर पर तकनीकी सहयोग नि:शुल्क प्रदान करेगा।
एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार, सचिव असंगबा चुबा आओ एवं सभी निदेशक उपस्थित थे। मेरिको एवं लीप फॉर वर्ल्ड संस्था की ओर से डॉ. प्रबोध, श्री उज्ज्वल, प्रो. प्रनील एवं श्री आयुष उपस्थित थे। इन लोगों ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार ने बताया कि ज्ञान प्राप्ति का प्रमुख माध्यम भाषा है। अंग्रेजी भाषा की जानकारी होने से बच्चों में आत्मबल बढ़ता है और वे देश-दुनिया की अच्छी समझ बना पाते हैं। यद्यपि यह कार्य कठिन है, परंतु यदि लगन से किया जाय, तो सभी बच्चों को अंग्रेजी सिखाना संभव है। उन्होंने लीप फॉर वर्ल्ड एवं मेरिको के प्रति शुभकामना व्यक्त करते हुए अपेक्षा रखी कि आपकी यह परियोजना सफल हो।