जहानाबाद। नालंदा खुला विश्वविद्यालय (एनओयू) देश में दूर शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र है। यह पूरे देश और विशेषकर बिहार में शिक्षा का स्तर ऊँचा उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसका उद्देश्य शिक्षा की ज्योति को जन-जन तक पहुंचाना है। उक्त बातें नालंदा खुला विश्वविद्यालय, पटना के प्रतिकुलपति प्रो. (डॉ.) संजय कुमार ने कही। वे सोमवार को सत्येंद्र नारायण सिन्हा महाविद्यालय में नालंदा खुला विश्वविद्यालय के अध्ययन केंद्र का उद्घाटन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि एनओयू की स्थापना 1987 में हुई है। स्थापना काल से ही यह विश्वविद्यालय देश का एक अग्रणी संस्थान है। विश्वविद्यालय का अध्ययन केंद्र जिला एवं अनुमंडल स्तर के अंगीभूत महाविद्यालयों तथा प्रखंड स्तर के चुने हुए इंटरमीडिएट विद्यालयों में भी है। इधर संबद्ध महाविद्यालयों में भी केंद्र खुल रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी वर्गों में शिक्षा का अलख जगा है। सुदूर क्षेत्रों तक ज्ञान की ज्योति पहुंच रही है। वैसे लोग जो किसी कारणवश औपचारिक डिग्री प्राप्त नहीं कर पाते हैं, एनओयू उनके लिए वरदान की तरह है। उन्होंने कहा कि आज ससमय नामांकन, ससमय परीक्षा एवं ससमय परीक्षाफ़ल इस विश्वविद्यालय की पहचान बन गई है। इधर कुछ दिनों से इसका काफ़ी विस्तार हो रहा है। हाल के समय में अनेक अध्ययन केंद्र खुले हैं।
उन्होंने बताया कि एनओयू में 105 विषयों की पढ़ाई होती है। इनमें इंटर, स्नातक, स्नातकोत्तर, स्नातकोत्तर डिप्लोमा, सर्टिफि़केट कोर्स शामिल हैं। यहाँ से बीएड और पीएचडी भी की जा सकती है। एनओयू पाठ्यक्रमों से विद्यार्थियों को रोजगार का अवसर मिलेगा। इनमें बीएलआईएस, एमएलआईएस, एमसीए, योग, पर्यावरण, आपदा-प्रबंधान, इन्फ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इन्टीरियर डेकोरेशन, कम्प्यूटर नेटवर्किंग, हिंदी-अंग्रेजी अनुवाद कोर्स भी है। आनेवाले दिनों में एनओयू कौशल उन्मुक्त शिक्षा की शुरुआत करने जा रही है।
उन्होंने बताया कि एनओयू के सभी पाठ्यक्रमों की अपनी अध्ययन सामग्री है। यह काफ़ी सरल-सहज भाषा में तैयार की गई है और यह सामग्री सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क दी जाती है। छात्राओं को नामांकन शुल्क में 25 प्रतिशत की छूट का प्रावधान है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ. अर्जुन शर्मा ने बताया कि महाविद्यालय में पहले से ही कई वोकेशनल कोर्स संचालित हो रहे हैं। आगे एनओयू के अध्ययन केंद्र के शुभारंभ होने से स्थानीय विद्यार्थियों को अधिकाधिक अवसर मिल सकेगा।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह अध्ययन केंद्र बिहार का अग्रणी केंद्र बनेगा। मंच का संचालन महाविद्यालय के वित्तेक्षक डॉ. सुबोध कुमार झा और धन्यवाद ज्ञापन मो. इंतखाब आलम ने किया। इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) उमाशंकर सिंह, डॉ. गिरिराज शर्मा, डॉ. अख्तर रोमानी, डॉ. शशिधार गुप्ता, डॉ. बबलू कुमार, डॉ. शालिनी, कुमारी मंदाकिनी, डॉ. राजकुमार मिश्र, प्रमिला कुमारी, चंदन कुमार, गीता कुमारी, ब्रजेश कुमार, नीलम कुमारी, मो. शमीम, बिटु कुमार आदि उपस्थित थे।