नई दिल्ली । अमेरिका और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बीच दुश्मनी पूरी दुनिया में हर किसी की जुबान पर है। सभी देश इस अलगाव की वजह भी जानते हैं और उत्तर कोरिया के अब तक रह चुके तानाशाहों की कार्यशैली से भी वाकिफ हैं। उत्तर कोरिया के मौजूदा तानाशाह किम जोंग उन की ही बात करें तो वो भी अपने पिता और दादा, जो कि देश के संस्थापक थे, के ही पदचिन्हों पर चल रहे हैं। हालांकि किम जोंग उन ने परमाणु संपन्न राष्ट्र बनाने की मुहीम को जो धार दी है वो उनके दोनों पूर्ववर्ती प्रमुखों ने नहीं दी थी। इतना ही नहीं जितने मिसाइल परीक्षण किम ने अपने शासन के अंतर्गत किए हैं उसके एक तिहाई ही उनके पिता औ दादा के कार्यकाल में किए गए थे।
किम और उनके पिता और दादा के अडि़यल रुख की वजह से ही उत्तर कोरिया पर लंबे समय से प्रतिबंध लगते रहे हैं। हालांकि मौजूदा तानाशाह किम के कार्यकाल में ये और अधिक सख्त हुए हैं। लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि किम ने कभी भी अमेरिकी प्रतिबंधों को गंभीरता से नहीं लिया है बल्कि हर वक्त उन्हें ठेंगा ही दिखाते दिखाई दिए हैं। इस वर्ष अपने तीसरे मिसाइल परीक्षण से भी उन्होंने यही संदेश एक बार फिर से अमेरिका को दिया भी है।
आपको बता दें कि उत्तर कोरिया अपने ताजा मिसाइल परीक्षण में दो हाइपरसोनिक मिसाइल को टेस्ट किया है, जिन्हे ट्रेन पर बने लान्चिंग पैड से छोड़ा गया है। अमेरिका के नए और कड़े प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए उत्तर कोरिया ने अपने प्रमुख के इशारे पर इस काम को अंजाम दिया है। ऐसा करके किम ने सीधेतौर पर अमेरिका को ये संदेश देने की कोशिश की है कि उनके प्रतिबंधों का उत्तर कोरिया पर कोई असर नहीं होने वाला है। हालांकि ये तय है कि इस वर्ष किए गए अब तक के इस तीसरे मिसाइल परीक्षण से कोरियाई प्रायद्वीप समेत पड़ोसी देशों में संकट के बादल मंडराते दिखाई दे रहे हैं।