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Budget 2022: मोदी सरकार ने देश के आर्थिक भविष्य को सुधारने पर दिया ध्यान


कोरोना संकट के बीच आया एक और आम बजट इसलिए विशेष रूप से उल्लेखनीय है, क्योंकि मोदी सरकार ने देश के आर्थिक भविष्य को सुधारने पर ध्यान दिया, न कि लोकलुभावन योजनाओं के जरिये फौरी वाहवाही पाने अथवा कोई राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की। यह कदम एक ऐसे समय उठाया गया जब राजनीतिक दृष्टि से सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनाव होने जा रहे हैं और उन्हें लघु आम चुनाव की भी संज्ञा दी जा रही है।

यह न केवल सरकार के आत्मविश्वास को प्रकट करता है, बल्कि यह भी इंगित करता है कि उसे यह भरोसा है कि देश की जनता उसकी ओर से उठाए जाने वाले कदमों का अनुमोदन करेगी। नि:संदेह अर्थनीति राजनीति से विरत नहीं हो सकती, लेकिन उसे इसका बंधक भी नहीं बनना चाहिए।

यह सही है कि बजट में मध्य वर्ग को कोई वैसी राहत नहीं मिली जिसकी अपेक्षा की जा रही थी, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि सरकार ने पूंजीगत व्यय में भारी-भरकम व्यय करने की योजना बनाई उसके साकार होने से अंतत: आम आदमी को ही लाभ मिलेगा। इसके साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। अर्थव्यवस्था को गति देने का काम शहरीकरण की उन योजनाओं को आगे बढ़ाने से भी होगा जिनका विवरण बजट में दिया गया है। शहरीकरण को प्राथमिकता देना समय की मांग है और जरूरत भी, क्योंकि आगामी कुछ वर्षो में देश की करीब पचास प्रतिशत आबादी शहरी क्षेत्रों में निवास करेगी। हमारे शहर न केवल आबादी के बढ़ते बोझ का वहन करने की क्षमता से लैस होने चाहिए, बल्कि उनमें विश्वस्तरीय सुविधाएं भी होनी चाहिए। जैसे जितना जरूरी यह था कि शहरों को संवारने पर ध्यान दिया जाए वैसे ही यह भी कि गांवों को और अधिक उन्नत एवं सुविधासंपन्न बनाया जाए।