गोरखपुर। रेल लाइनों के किनारे खाली पड़ी भूमि पर सोलर पैनल लगाने का रास्ता साफ हो गया है। रेलवे की भूमि सुरक्षित तो होगी ही, बिजली भी तैयार होगी। बिजली के क्षेत्र में भी रेलवे आत्मनिर्भर बनेगा। आम बजट 2022-23 में वित्त और रेल मंत्रालय ने ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के लिए पूर्वोत्तर रेलवे को 915 करोड़ रुपये आवंटित किया है।
स्टेशनों और कार्यालयों की छतों पर भी सोलर पैनल लगाने की है योजना
रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने रेल लाइनों के किनारे खाली भूमि पर सोलर पैनल लगाने की योजना तैयार की है। इसके लिए रेलवे स्टेशनों के आसपास वाली भूमि चिन्हित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। बजट मिलने के बाद पैनल लगाने की राह आसान हो जाएगी। खाली भूमि पर सोलर पैनल लग जाने से भूमि सुरक्षित होगी। साथ ही बिजली भी तैयार होगी। जानकारों के अनुसार स्टेशनों के आसपास रेलवे की खाली भूमि सुरक्षित नहीं रह पाती। अवैध कब्जा होता रहता है, जिसे हटाने में रेलवे प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। गोरखपुर जंक्शन के आसपास खाली भूमि पर भी लोगों का अवैध कब्जा है। वैसे भी ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में पूर्वोत्तर रेलवे बेहतर कार्य कर रहा है।
ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए गोरखपुर जंक्शन को वाणिज्यिक भवन श्रेणी में उत्तर प्रदेश ऊर्जा संरक्षण अवार्ड का प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। राजकीय भवन श्रेणी में गोंडा स्टेशन को द्वितीय व मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय लखनऊ को तृतीय तथा उद्योग श्रेणी में यांत्रिक कारखाना, इज्जतनगर को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है। यह पुरस्कार उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरण ऊर्जा विकास एजेंसी ने प्रदान किया है। इसके अलावा पूर्वोत्तर रेलवे को परिवहन क्षेत्र में नेशनल एनर्जी कंजर्वेशन अवार्ड-2021 का प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया है।