शुरू हुई छठे चरण की प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में छठे चरण की प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति बुधवार को नियुक्ति शुरू हो गयी। तीन चक्र की काउंसलिंग में चयनित तकरीबन 42 हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे जाने शुरू हो गये। नियुक्ति पत्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी-सीटीईटी) के सर्टिफिकेट की जांच के आधार पर दिये जा रहे हैं। पहले दिन 25 हजार से अधिक चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिये गये।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि सरकार की घोषणा के मुताबिक शिक्षकों के रिक्त पदों के विरुद्ध चयनित अभ्यर्थियों को 23 फरवरी से नियुक्ति पत्र देना प्रारंभ कर दिया गया। इन रिक्तियों के विरुद्ध नियोजन हेतु विज्ञापन वर्ष 2019 में निकाला गया था एवं न्यायालय के हस्तक्षेप एवं अन्य कारणों से लगातार लंबित चला आ रहा था। शिक्षा विभाग ने कई बार विशेष उल्लेख कर न्यायालय से नियुक्ति प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की इजाजत हासिल किया। फिर, विभिन्न नियोजन इकाइयों द्वारा पारदर्शी तरीके से काउंसलिंग करा मेधा सूची के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन किया गया। अब उनके प्रमाणपत्रों की जांच कर नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। जिनके प्रमाणपत्र की जांच नहीं हो पायी है, उन्हें भी जांच होते ही नियुक्ति पत्र दे दिया जायेगा। बुधवार को शाम तक 25 हजार से अधिक चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिल चुके थे। जिन्हें नियुक्ति पत्र मिल चुके हैं, तत्काल योगदान भी कर सकते हैं। प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश द्वारा इसकी लगातार मॉनीटरिंग मुख्यालय से की जा रही है।
शिक्षा विभाग के मुताबिक तय प्रक्रिया के तहत चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिये जा रहे हैं। इसके तहत विद्यालय आवंटन में क्रमश: अनुसूचित जनजाति की विकलांग महिला, अनुसूचित जाति की विकलांग महिला, अत्यंत पिछड़ा वर्ग की विकलांग महिला, पिछड़ा वर्ग की विकलांग महिला एवं अनारक्षित विकलांग महिला, अनुसूचित जनजाति के विकलांग पुरुष, अनुसूचित जाति के विकलांग पुरुष, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के विकलांग पुरुष, पिछड़ा वर्ग के विकलांग पुरुष एवं अनारक्षित विकलांग पुरुष, अनुसूचित जनजाति की महिला, अनुसूचित जाति की महिला, अत्यंत पिछड़ा वर्ग की महिला, पिछड़ा वर्ग की महिला एवं अनारक्षित महिला तथा अनुसूचित जनजाति के पुरुष, अनुसूचित जाति के पुरुष, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के पुरुष, पिछड़ा वर्ग के पुरुष एवं अनारक्षित पुरुष को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके साथ ही चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए कार्यपालक पदाधिकारी के समक्ष लिये गये शपथ पत्र लिये जा रहे हैं। इसके साथ ही छह प्रति में वांछित सूचनाएं भी ली जा रही हैं। उसकी एक प्रति चयनित अभ्यर्थी को दी जा रही है।
नियुक्ति पत्र लेने के बाद नवनियुक्त शिक्षक उत्साह से भर गये। उनकी खुशियां का ठिकाना नहीं रहा। आपको याद दिला दूं कि छठे चरण में 90, 762 प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया वर्ष 2019 में ही शुरू हुई थी। लेकिन, इस पर कोरोनाकाल एवं न्यायिक प्रक्रिया का असर पड़ा। शिक्षा मंत्री की कुर्सी जब विजय कुमार चौधरी ने संभाली, तो उनकी पहल पर शिक्षा विभाग ने न्यायालय से नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी। न्यायालय की अनुमति के बाद तीन चक्र में काउंसलिंग हो हुई। पहले चक्र में उन नियोजन इकाइयों के लिए काउंसलिंग हुई, जिनमें छूटे हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों के आवेदन नहीं पड़े थे।
दूसरे चक्र में उन नियोजन इकाइयों के लिए काउंसलिंग हुई, जिनमें छूटे हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों के आवेदन पड़े थे। पहले चक्र की काउंसलिंग गत पांच जुलाई से शुरू होकर 12 जुलाई तक हुई। इससे इतर दूसरे चक्र की काउंसलिंग गत दो अगस्त से शुरू होकर 13 अगस्त तक चली। दो चक्र की काउंसलिंग में ऐसी भी नियोजन इकाइयां रहीं, जिनकी काउंसलिंग या तो स्थगित हुई या रद्द हुई। ऐसे तकरीबन 1,368 नियोजन इकाइयों के 12,495 पदों के लिए तृतीय चक्र की काउंसलिंग 17 जनवरी से 28 जनवरी तक हुई। तीनों चक्र की काउंसलिंग में तकरीबन 42 हजार अभ्यर्थियों का चयन हुआ है।
चयनित अभ्यर्थियों को उनके सर्टिफिकेट्स की जांच के बाद नियुक्ति पत्र देने का प्रावधान था। लेकिन, जिन संस्थानों के उनके ट्रेनिंग के सर्टिफिकेट हैं, वे विभिन्न राज्यों के हैं। ऐसे में ट्रेनिंग के सर्टिफिकेट्स की जांच में समय लगता। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति के बाद चयनित अभ्यर्थियों के शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी या सीटीईटी) के सर्टिफिकेट की जांच के आधार पर नियुक्ति पत्र देने का फैसला शिक्षा विभाग द्वारा लिया गया।