पटना

बिहारशरीफ: मगध विश्वविद्यालय सीनेट की बैठक में 652 करोड़ घाटे का बजट हुआ पारित


67 कॉलेजों को दिया गया यूनिवर्सिटी का संबंद्धन

बिहारशरीफ। मंगलवार को मगध विद्यालय सीनेट की बैठक नालंदा कॉलेज कैंपस में आयोजित की गयी। बैठक काफी हंगामेदार रही। बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 652 करोड़ घाटे का बजट सर्वसम्मति से पारित किया गया, जबकि 67 कॉलेजों के संबंद्धन से संबंधित प्रस्तावों पर मुहर लगी।

विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने अपने संबोधन में कुलपति डॉ. आरके सिंह की ओर इंगित करते हुए कहा कि आपने जिम्मेवारी ली है तो मगध की गरिमा अक्षुण्ण रखने के कर्तव्यों का भी निर्वहण करें। आपके आने से यह उम्मीद जरूर जगी है कि मगध विवि का पुनर्जागरण होगा। फिर से इसका गौरव लौटेगा। लेकिन, पिछले कुछ सालों में वहां के अधिकारियों व कर्मियों ने जो काम किया है, उससे शर्मनाक शब्द भी पानी-पानी हो जाता है।

रजिस्ट्रार रवि प्रकाश बबलू ने मंच संचालन करते हुए कई ऐसे सीनेट सदस्यों को भी बोलने का मौका दिया, जो सालों से सदस्य रहने के बावजूद मंच तक नहीं पहुंचे थे। वित्त अधिकारी सत्यरत्न प्रसाद व वित्त परामर्शी ओमप्रकाश ने बजट पेश किया। जबकि, कला संकाय के विवि इंस्पेक्टर दीपक कुमार व वीसी कांत ने कॉलेजों को मान्यता से संबंधित मुद्दे रखे। कुलसचिव डॉ. एसएनपी यादव ने वार्षिक प्रतिवेदन पढ़ा। जबकि, कुलानुशासक डॉ. ब्रजेश राय व उनके सहयोगी मनोज कुमार सिंह ने विधि-व्यवस्था से संबंधित प्रतिवेदन रखा। डीएसडब्ल्यू आरपीएस चौहान ने छात्र व कर्मी हितों पर चर्चा की। दीपक कुमार व डॉ. रूपेश कुमार ने कहा कि पढ़ाई, परीक्षा, परिणाम समय पर निपटाए जाएं। औरंगाबाद में विवि की शाखा खोलने के पुराने प्रस्ताव को धरातल पर उतारने का भी आग्रह किया।

सीनेट सदस्य मुनेश्वर प्रसाद, क्षितिज मोहन सिंह, डॉ. रूपेश कुमार, दीपक कुमार समेत अन्य ने वित्तरिहत कॉलेजों को अनुदान व रिटायर हुए कर्मियों को पेंशन की बकाया राशि देने की पूरजोर मांग की। मिर्जा गालिब कॉलेज में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उठाये गये। वीसी ने कहा कि इस मुद्दे पर विश्वविद्यालय में बात होगी। सीनेट में पेश बजट के अनुसार विश्वविद्यालय की कुल आय 472814619 रुपये है, जबकि व्यय 6994141838 रुपया है। इस प्रकार मगध विश्वविद्यालय द्वारा कुल 6521327219 रुपये घाटे का बजट पेश किया गया है।