बर्लिन, यूक्रेन युद्ध का असर जर्मनी पर भी हुआ है। जर्मनी की गठबंधन सरकार और मुख्य विपक्षी दल देश के रक्षा बजट में बढ़ोतरी पर एकमत हो गए हैं। जर्मन चांसलर ओलफ शुल्ज ने यूक्रेन पर रूसी हमला होने के बाद देश की सुरक्षा क्षमता बढ़ाने की घोषणा की थी। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यह पहला मौका होगा जब जर्मनी हथियारों पर बड़ा खर्च करके सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करेगा। अभी उसकी सुरक्षा की मुख्य जिम्मेदारी अमेरिका संभाल रहा है।
अमेरिका नाटो के सदस्य देशों से जीडीपी का दो प्रतिशत सुरक्षा पर खर्च करने के लिए काफी समय से दबाव डाल रहा है। लेकिन यूक्रेन युद्ध ने यूरोपीय देशों को इस बारे में निर्णय लेने के लिए बाध्य कर दिया है। जर्मनी में रक्षा खर्च बढ़ाने के लिए संवैधानिक व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है। इससे संबंधित प्रस्ताव को संसद के दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से पारित करवाना होगा।