- जमात-ए-इस्लामी हिंद और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने गुवाहाटी में असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) से सोमवार को मुलाकात की. ये मुलाकात असम (Assam) के दरांग जिले के सिपाझार में गुरुवार को बेदखली अभियान के दौरान हुई हिंसा के मामले पर चर्चा करने के लिए की गई थी. जमात-ए-इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय सचिव शफी मदनी ने बताया कि वह इस बैठक से संतु्ष्ट हैं.
दरअसल गुरुवार को पुलिस ने सिपाझार में अतिक्रमणकारियों को बाहर निकालने की कोशिश के दौरान गोलियां चलाईं थी जिसमें दो लोगों की मौत हो गई. पुलिस के साथ हुई झड़पों में करीब 11 लोग घायल हो गए. इस हिंसा को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को भी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था हमने इस मामले में न्यायिक जांच का आदेश दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें इस अभियान को अब भी जारी रखना होगा.
‘आपसी सहमति के आधार पर शुरू किया गया था अतिक्रमण हटाने का अभियान’
मुख्यमंत्री ने कहा था कि अतिक्रमण हटाने का अभियान आपसी सहमति के आधार पर शुरू किया गया था. भूमिहीनों को भूमि नीति के अनुसार प्रत्येक को 2 एकड़ जमीन देने का प्लान था और इसपर सबकी सहमति भी बनी थी. हमें उम्मीद नहीं थी कि अतिक्रमण हटाने का विरोध किया जाएगा. लेकिन लगभग 10,000 लोगों ने असम पुलिस का घेराव किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम बिना आधार के 30 से 40 एकड़ जमीन आवंटित नहीं कर सकते. यहां पर बसे बाकी लोग कहां जाएंगे. हालांकि सरकार उन लोगों से एक बार और बातचीत करेगी. कई बार बातचीत से भी ऐसे मामलों में बड़ी मदद मिल जाती है. हर बार उन्हें हटाने के लिए पुलिस को शामिल करना जरूरी नहीं है.