पटना

बिहार में भी दिखा बंद का असर


समर्थन में महागठबंधन ने निकाला जुलूस, सडक़ जाम, रेल सेवा बाधित

पटना (आससे)। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने, नये श्रम कानून को निरस्त कर पहले वाले श्रम कानून को बहाल करने, किसानों से खाद्यान्न खरीदने को लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी करने एवं उसे कानूनी दर्जा देने, स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने, यूरिया खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाने, प्रस्तावित बिजली बिल २०२० को वापस लेने, बढ़ती हुई महंगाई एवं बेरोजगारी पर रोक लगाने जैसी मांगों को लेकर ४० किसान संगठनों के संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर आयोजित भारत बंद को बिहार में वामपंथी दलों, राजद, कांग्रेस एवं विभिन्न ट्रेड यूनियनों का भी समर्थन प्राप्त हुआ। बिहार में कई जगहों पर सडक़ जाम किया गया एवं ट्रेनें रोकी गयीं। बंद समर्थकों ने जुलूस निकाला एवं सभा की।

राजधानी पटना में सुबह ८ बजे से ही बंद समर्थक सडक़ों पर उतर गये एवं लोगों से बंद का समर्थन करने की अपील करते देखे गये। बुद्ध स्मृति पार्क से राजद, कांग्रेस, भाकपा, माकपा, भाकपा माले, फारवर्ड ब्लॉक, आरएसपी, एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) का मार्च निकाला गया। यह मार्च डाकबंगला चौराहा पर पहुंचकर सभा में बदल गया। जाप नेताओं के नेतृत्व में भी जुलूस निकाला गया। डाकबंगला पर बंद समर्थकों को राजद के जगदानन्द सिंह, देवमुनि यादव, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदनमोहन झा, भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय, माकपा राज्य सचिव अवधेश कुमार, भाकपा माले राज्य सचिव कुणाल एवं धीरेन्द्र झा ने संबोधित किया। इस अवसर पर छात्र-युवाओं का जत्था किसान आंदोलन के समर्थन में एवं मोदी सरकार के विरोध में गीतों को गाकर अपना आक्रोश व्यक्त करते पाये गये।

सभी वक्ताओं ने किसानों की मांगों का समर्थन किया एवं कहा कि अब मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ पूरा देश एकजुट हो रहा है। किसानों के साथ-साथ सभी संघर्षशील तबके आज सडक़ों पर है। महंगाई आसमान छू रही है। बेरोजगारी चरम पर है। महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं से सारा देश शर्मशार होता रहा है। देश में मोदी सरकार की कुनीतियों से प्रभावित तमाम लोगों का एक व्यापक मोर्चा बनने लगा है। यह मोर्चा भाजपा की तानाशाही को खत्म करके ही दम लेगा। संपूर्ण विपक्ष इस लड़ाई में एकजुट है।

बंद के समर्थन में अन्य जगहों पर भी जुलूस निकाला गया एवं सभा की गयी। कैमूर में वामपंथी दलों ने नगरपालिका मैदान भभुआ से मार्च निकाला एवं एकता चौक को जाम कर दिया। चैनपुर में भी बंद समर्थक सडक़ों पर उतरे। पूर्णिया का बनमनखी बाजार पूरी तरह से बंद रहा। बेतिया में एनएच-२७ स्टेशन चौक को घंटों जाम किया गया। मुजफ्फरपुर-हाजीपुर एनएच को तुर्की में घंटों जाम किया गया। सकरा में सुजावलपुर चौक पर एनएच-२८ को बंद समर्थकों ने कब्जा जमाये रखा।

माले विधायक दल के नेता महबूब आलम के नेतृत्व में कटिहार में बंद समर्थकों ने जुलूस निकाला एवं शहीद चौक को जाम कर दिया। सुपौल में बंद के समर्थन में गांधी मैदान से जुलूस निकाला गया। समस्तीपुर में मालगोदाम चौक से जुलूस निकाला गया। बक्सर के सोनबरसा में बंद का व्यापक असर देखा गया। मधुबनी में डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया। नवादा में प्रजातंत्र चौक जाम रहा। बंद समर्थकों ने जहानाबाद में पटना-गया पैसेंजर के परिचालन को ठप्प कर दिया।

बेगूसराय में एनएच-३१ को सुबह से बंद समर्थकों ने जाम कर दिया। इसी तरह आरा में एनएच-३० को बस पड़ाव के पास, कोईलवर में आरा-पटना मुख्य मार्ग को गीधा में, सहार में आरा-अरवल पुल को, पीरो में आरा-सासाराम मुख्य मार्ग को जाम किया गया। जगदीशपुर में आरा-मोहनिया मुख्य मार्गा को नयकाटोला में जाम किया गया। दरभंगा-मुजफ्फरपुर एनएच-५७ को गायघाट, बेनीबाद में जाम किया गया। भोजपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में, गया के टिकारी एवं शहर में भी बंद का असर दिखा। वहां केजी रोड पर वामदलों ने जुलूस निकाला। दरभंगा में माकपा समर्थकों ने एवं माले ने स्टेशन रोड व लहेरियासराय में जुलूस निकाला। राज्य के अन्य हिस्सों से भी सडक़ जाम एवं जुलूस निकालने की खबर पायी गयी।

भारत बंद के समर्थन में आयोजित बिहार बंद को बंद समर्थकों ने सफल बताया एवं इसका समर्थन करने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया। महागठबंधन के दलों सहित विभिन्न ट्रेड यूनियनों के नेताओं ने एवं किसान संगठनों ने बंद की सफलता पर खुशी का इजहार किया।