सम्पादकीय

चिंता बढ़ाते कोरोनाके टूटते नियम

योगेश कुमार गोयल       सिर्फ दो सप्ताहमें ही ९० फीसदीसे भी ज्यादा व्यस्क आबादीका वैक्सीनेशन करनेवाला भूटान, कड़े निर्णयोंकी बदौलत न्यूजीलैंड, ज्यादातर आबादीका टीकाकरण होनेके कारण चीन तथा पूर्ण रूपसे वैक्सीनेशन होनेके पश्चात् अमेरिकामें भी कई जगह मास्क फ्री हो गयी हैं। अमेरिकामें तो सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन द्वारा घोषणा भी की जा चुकी […]

सम्पादकीय

विश्वभरमें बदनाम पाकिस्तानी

विष्णुगुप्त       आतंकवादकी आउटसोर्सिंग और जिहादी मानसिकतामें पाकिस्तान आज ऐसा फंसा है, जिससे बाहर निकलनेका कोई रास्तातक नहीं है। आतंकवादकी खेतीके कारण आज पाकिस्तान लगभग दिवालिया हो चुका है। उसकी अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी है, प्रधान मंत्री इमरान खान कटोरे लेकर भीख मांगनेके लिए पूरी दुनियामें घूमें। परन्तु कोई देश भीख देनेको तैयार नहीं हुआ।  पाकिस्तानके […]

सम्पादकीय

अब भी मैला है गुपकारोंका मन

डा. रमेश ठाकुर कश्मीरमें बड़ा करनेसे पहले घाटीके नेताओंके साथ प्रधान मंत्री द्वारा बैठक करना एक प्रयोग मात्र था, फिलहाल हाई प्रोफाइल इस बैठकसे दो बातें स्पष्ट हुईं। बैठकके जरिये प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीने घाटीके विभिन्न दलोंके प्रमुख नेताओंका मन टटोला और यह जाना कि ३७० के बाद जम्मू-कश्मीरके विकास और आवामकी खुशहालीके लिए वह […]

सम्पादकीय

महामृत्युंजय मंत्र

सदानन्द शास्त्री महामृत्युंजय मंत्रको लंबी उम्र और अच्छी सेहतका मंत्र कहते हैं। शास्त्रोंमें इसे महामंत्र कहा गया है। इस मंत्रके जपसे व्यक्ति निरोगी रहता है। महामृत्युंजय मंत्रकी उत्पत्तिके बारेमें पौराणिक कथा प्रचलित है। कथाके अनुसार, शिव भक्त ऋषि मृकण्डुने संतानप्राप्तिके लिए भगवान शिवकी कठोर तपस्या की। तपस्यासे प्रसन्न होकर भगवान शिवने ऋषि मृकण्डुको इच्छानुसार संतान […]

सम्पादकीय

वायुसेना परिसरमें विस्फोट

जम्मूमें भारतीय वायुसेना स्टेशन परिसरके तकनीकी क्षेत्रमें रविवारको भोरमें कम तीव्रताके दो धमाकोंसे यद्यपि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ लेकिन यह गम्भीर चिन्ताका विषय होनेके साथ ही वहांकी सुरक्षा व्यवस्थापर भी बड़ा प्रश्न है। इन धमाकोंसे स्टेशन भवनको मामूली क्षति पहुंची है। दूसरा विस्फोट खुले क्षेत्रमें हुआ, जहां किसी भी उपकरणको नुकसान नहीं पहुंचा। किसी […]

सम्पादकीय

महान विभूति राष्ट्ररत्न शिवप्रसाद गुप्त

सुमन द्विवेदी     राष्ट्रप्रेम और देशभक्ति राष्ट्ररत्न शिवप्रसादजीके जीवनके हर तन्तुमें विद्यमान रही है। समाज और राष्ट्रकी सेवा आपका व्रत रहा है। आपने पराधीनताके बन्धनको तोडऩेके लिए जो संघर्ष किया और जितना कष्टï झेला, उसकी मिसाल मिलना कठिन है। जीवनके घनघोर संकटके समय भी आप सत्य, न्याय और देशप्रेमकी भावनासे विचलित नहीं हुए। एक ओर जहां […]

सम्पादकीय

रूस और अमेरिकामें बढ़ती मित्रता

डा. गौरीशंकर राजहंस अमेरिका और रूस दोनों महाशक्तियां एक-दूसरेके मुकाबले काफी ताकतवर थीं और लगता भी नहीं था कि एक-दूूसरेकी ताकतमें कभी कोई कमी पड़ेगी। परन्तु ७० का दशक आते-आते रूस कमजोर पड़ता गया और पड़ोसके जिन देशोंपर उसने नियंत्रण कर रखा था वह देश धीरे-धीरे रूससे किनारा कर आजाद होते गये। आर्थिक दृष्टिसे भी […]

सम्पादकीय

ईश्वरीय वरदान

श्रीराम शर्मा सरसता हृदयका शृंगार, ईश्वरका वरदान है। सहृदय मानवको ईश्वरीय गुणों से लबालब होते देखा गया है। सरस बनिएए सरसताका अभिप्राय कोमलता, मधुरता, आद्रता है। सहृदय व्यक्तिपर दु:खकातर होता है। दूसरोंके दु:खोंको बंटानेमें वह ईश्वरीय आनन्दका अनुभव करता है, जिनके हृदय नीरस हैं, वह स्वयं और परिवारको ही नहीं अपने संपर्कमें आनेवाले हर प्राणीको […]

सम्पादकीय

सिर्फ सहमति पर्याप्त नहीं

पूर्वी लद्दाखके गलवानमें भारतीय-चीनी सैनिकोंके बीच हुई हिंसक झड़पके बाद पटरीसे उतरी वार्ता फिरसे शुरू होनेके संकेत स्वागतयोग्य है। दोनों देशोंने पूर्वी लद्दाखमें शान्ति बनाये रखनेपर सहमति जतायी है। दोनों सेनाओंके बीच अबतक ११ दौरकी सैन्य स्तरकी वार्ता हो चुकी है, जिसमें दोनों देशोंकी सेनाओंको पीछे हटने समेत कई मुद्दोंपर सहमति बनी थी लेकिन चीनकी […]

सम्पादकीय

चीनमें मानव अधिकारोंका उल्लंघन

डा. भरत झुनझुनवाला  हांगकांगमें लोकतंत्रकी हत्या, ऊईघुर मुसलमानोंपर अत्याचार एवं हांगकांगके मीडिया मुजल जैक माको हिरासतमें लिये जानेको लेकर चीनकी भत्र्सना की जा रही है। कहा जा रहा है कि चीन अंतरराष्ट्रीय कानूनोंके उल्लंघनमें अपनी जनताके मानवाधिकारोंका हनन कर रहा है। इस संदर्भमें १९४८ में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार घोषणापत्रकी धाराओंपर पुनर्विचार करना चाहिए। […]