मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]: आयकर विभाग की छापेमारी से सपा महासचिव आजम खां बड़े संकट में पड़ सकते हैं। दरअसल, विभाग को यूनिवर्सिटी बनाने में पांच हजार करोड़ रुपये खर्च होने की जानकारी मिली है। इतनी बड़ी रकम को कहां से लाया गया, इसका जवाब तलाशने को ही जांच की जा रही है। आशंका है कि सरकारी धन को खर्च करने के साथ विदेशी फंड भी यूनिवर्सिटी बनाने में खपाया गया है। आयकर टीमों के हत्थे लगे रिकार्ड से बड़ा राज खुलने के आसार हैं।
मुरादाबाद के अलावा बरेली, आगरा, लखनऊ, मेरठ, बुलंदशहर व मुजफ्फरनगर आदि शहरों की आयकर टीमों ने एक साथ जांच शुरू की है। इसकी तैयारी कई महीने पहले से की गई थी। यूनिवर्सिटी के बारे में पूरा ब्योरा भी जुटाया गया है। विभाग का अपना आकलन है कि करीब पांच हजार करोड़ रुपये यूनिवर्सिटी में लगाए गए हैं।
आजम और करीबियों के 22 खातों की जांच
आशंका है कि इसमें काफी रकम ऐसे लोगों की भी हो सकती हैं, सपा सरकार में जिनके महत्वपूर्ण काम कराए गए होंगे। एक टीम ने आजम खां व उसके करीबी लोगों के 22 बैंक खातों की जांच की है। खातों में खास रकम नहीं मिली है, लेकिन लेन-देन से संबंधित रिकार्ड मिला है।
रिकॉड में मिला ब्योरा
टीम ऐसे खातों को भी देख रही है, जिनमें लेनदेन बंद कर दिया गया हो। सूत्रों का कहना है कि आयकर टीम को रिकार्ड में काफी ब्योरा मिला है। कई ऐसे नाम भी मिले हैं, जिन्होंने मोटा दान दिया है। आयकर इनका भी रिकॉर्ड खंगाल सकती है।
विदेशी रकम आने की संभावना
टीम यह भी देख रही है कि आजम के पास 2007 में बसपा सरकार बनने से पहले कितनी संपत्ति थी, 2012 में सपा सरकार बनने के बाद कितनी संपत्ति रही। यूनिवर्सिटी के लिए धनराशि कहां से लाई गई। आयकर विभाग के अधिकारी यह भी जानने का प्रयास कर रहे हैं कि यदि विदेश से रकम आई है, तो किसने रुपये दिए और किस माध्यम से दिए हैं।