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BharOS: स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम में क्या है खास,


नई दिल्ली, । भारत में स्मार्टफोन का इस्तेमाल बीते कुछ सालों में काफी बढ़ गया है। इन स्मार्टफोन्स के लिए आपरेटिंग सिस्टम काफी अहम होता है, क्योंकि आपके फोन को चलाने ये OS जरूरी होते हैं। भारत में अभी फिलहाल दो आपरेटिंग सिस्टम लोकप्रिय है, जिसमें iOS और Android शामिल है। लेकिन अब भारत में एक स्वदेशी OS को विकसित किया गया है, जिसे BharOS नाम दिया गया है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्या है BharOS?

IIT मद्रास की इनक्यूबेटेड फर्म, JandK ऑपरेशंस ने BharOS नामक मोबाइल फोन के लिए एक नए ऑपरेटिंग सिस्टम की घोषणा की है। BharOS को प्राइवेसी-फोकस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम कहा जा रहा है, जिसे कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ हैंडसेट्स के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

बता दें कि BharOS भारत का नया प्राइवेसी-सेंट्रिक ऑपरेटिंग सिस्टम है। BharOS को कड़े प्राइवेसी और सिक्योरिटी स्टैंडर्ड वाले संगठनों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। नया स्वदेशी OS प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के तहत तैयार किया गया है।

 

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कौन से फोन पर काम करेगा BharOS?

डेवलपर्स ने अभी तक यह नहीं बताया है कि वे किसके साथ साझेदारी करने की योजना बना रहे हैं, हालांकि BharOS कड़ी सिक्योरिटी और प्राइवेसी जरूरतों वाले ऑर्गेनाइजेशन को दिया जाएगा।

BharOS मे क्या है खास?

BharOS गोपनीयता-केंद्रित होगा, जिसका मतलब है कि यह किसी भी थर्ड-पार्टी ऐप को डाउनलोड करने की अनुमति नहीं देगा, यानी कि आप Google के Play Store से इंस्टॉल नहीं कर सकेंगे। इसके बजाय, इसकी अपना प्राइवेट ऐप स्टोर(PASS) की सेवाएं होंगी।

बता दें कि PASS क्यूरेटेड ऐप्स पेश करेगा, जो संगठन के सिक्योरिटी और प्राइवेसी स्टैंडर्ड को पूरा करते हैं। BharOS नो डिफॉल्ट ऐप्स (NDA) के साथ आएगा, जो यूजर्स को PASS से अपनी पसंद के ऐप्स डाउनलोड करने की सुविधा देगा।

जहां तक अपडेट की बात है, BharOS वाले डिवाइस को नेटिव ओवर-द-एयर (NOTA) अपडेट मिलेगा। अपडेटऑटोमेटिकली फोन पर डाउनलोड हो जाएंगे, इसलिए यूजर्स को अपडेट को मैन्युअली इंस्टॉल और लागू करने की जरूरत नहीं है।

 

क्या Android की जगह लेगा BharOs?

BharOS AOSP पर आधारित है और AOSP खुद कुछ Android वर्जन पर आधारित है। इसलिए इसे Google द्वारा मेनटेन किया जाता है। Google AOSP के लिए नियमित सिक्योरिटी बैकपोर्ट देता है। इसका मतलब है कि यह Android की जगह नहीं लेगा। लेकिन अगर OS इंटरप्राइज के लिए है, तो इसे एंड्रॉयड सिस्टम के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

भरोस के डेवलपर्स ने खुलासा किया है कि BharOs चलाने वाले फोन में डिफॉल्ट ऐप्स नहीं होंगे। लेकिन जहां तक सुविधाओं की बात है, तो अभी तक इसकी कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में यह Android जैसी प्राइवेसी डैशबोर्ड, पर्सनलाइज्ड विकल्प और बैटरी से जुड़ी सुविधाएं देगा या नहीं इसकी कोई सूचना नहीं है। यह iOS को प्रभावित करेगा या नहीं, इसका अंदाजा इसके पूरी तरह से शुरू होने के बाद ही बताया जा सकता है।