नई दिल्ली: अगले सप्ताह मंगलवार को पेश होने वाले आम बजट में सरकार तकनीकी विकास और इनोवेशन को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष स्कीम या फंड की घोषणा कर सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि तकनीक व इनोवेशन से कृषि, मत्स्यपालन से लेकर एमएसएमई जैसे सभी सेक्टर को फायदा मिलेगा। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ), ड्रोन टेक्नोलाजी, डाटा सिक्योरिटी जैसे क्षेत्र को एक कदम आगे ले जाने के लिए सरकार बजट में फोकस कर सकती है। साइबर सिक्योरिटी, इंटनेट आफ थिंग्स (आइओटी) जैसी चीजों को भारत में बड़े स्तर पर विकसित करने के लिए भी बजट में प्रविधान हो सकता है।
स्टार्ट-अप्स और एमएसएमई को वित्तीय मदद संभव
सूत्रों के मुताबिक आगामी वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में सरकार घरेलू कंपनियों, स्टार्ट-अप्स व एमएसएमई को अनुसंधान व विकास (आरएंडडी) तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए वित्तीय मदद दे सकती है। इस काम के लिए अलग से कोष की स्थापना हो सकती है। हालांकि चालू वित्त वर्ष के बजट में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) को अगले पांच वर्ष के लिए 50,000 करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई थी। एनआरएफ सामाजिक विकास के क्षेत्र में अनुसंधान व विकास का काम करता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बात नहीं बनने वाली है। कृषि से लेकर मत्स्यपालन सेक्टर की हर चेन का डिजिटाइजेशन करना होगा, तभी इन दोनों सेक्टर के माध्यम से किसानों की आय तेजी से बढ़ाई जा सकती है। इन सबके लिए तकनीक और इनोवेशन को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
एग्रीटेक सेक्टर के लिए अच्छा रहा वर्ष 2021
एजनेक्स्ट टेक्नोलाजी के सीईओ व फाउंडर तरनजीत सिंह भाम्रा ने बताया कि वर्ष 2021 एग्रीटेक सेक्टर के लिए काफी अच्छा वर्ष रहा। इस सेक्टर में कई नई तकनीक उभरकर आई और इनोवेशन भी हुए। इस दर को बनाए रखने के लिए बजट में कृषि क्षेत्र में इनोवेशन और अनुसंधान को इंसेंटिव दिए जाने की जरूरत है। उन्नति के सह-संस्थापक अमित सिन्हा ने बताया कि कृषि के साथ ग्रामीण विकास, एमएसएमई जैसे सेक्टर में भी तकनीक आधारित बनाना होगा इसके लिए सरकार को स्टार्टअप्स को विभिन्न प्रकार की कर छूट के साथ उन्हें सब्सिडी देनी की घोषणा बजट में करनी होगी।
टैक्स में छूट देने की घोषणा संभव
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक आगामी वित्त वर्ष के बजट में इनोवेशन करने वाले स्टार्ट-अप्स को टैक्स में लंबे समय तक कर छूट देने की घोषणा हो सकती है। बड़े शहरों की जगह छोटे-छोटे शहरों में अनुसंधान सेंटर या क्लस्टर खोलने के लिए वित्तीय मदद दी जा सकती है, ताकि छोटे शहरों में इनोवेशन का इकोसिस्टम तैयार किया जा सके। पहले से उपलब्ध तकनीक को सरल करने और उस तकनीक को आम आदमी के लायक बनाने को लेकर भी बजट में भी कुछ घोषणाएं संभावित हैं। जैसे पिछले साल नेशनल लैंग्वेज ट्रांसलेशन मिशन की घोषणा की गई थी, जिसके तहत ई-मेल से लेकर सभी प्रकार के कंप्यूटर प्रोग्राम को भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाना है।