Latest News नयी दिल्ली बिजनेस राष्ट्रीय

Budget 2022: बजट से महिलाओं को हैं काफी उम्मीदें, कदम उठाए सरकार


नई दिल्ली,  1 फरवरी को पेश होने वाले वर्ष 2022-23 के आम बजट को लेकर महिलाओं को खासी उम्मीदें हैं। शिक्षा के प्रसार के साथ महिलाओं ने हर क्षेत्र में कामयाबी का परचम लहराया है। एक तरफ महिलाएं जहां फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं तो दूसरी तरफ स्टार्टअप कंपनियों के जरिए बिजनेस में भी नाम कमा रही हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वयं एक महिला हैं। ऐसे में महिलाओं की आम बजट से उम्मीद और भी ज्यादा बढ़ जाती है। केंद्र सरकार के इस आम बजट का काउंटडाउन शुरू हो गया। इसलिए सड़क से चौपाल तक इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है। महिलाओं का मानना है कि महिला सुरक्षा को लेकर सरकार ने काफी कुछ किया है लेकिन अभी बहुत कुछ करने की जरुरत है। महिलाओं को उम्मीद है कि आगामी बजट में भी उनके लिए कुछ विशेष ऐलान किए जाएंगे।

महंगाई कम हो, घर चलाना मुश्किल

घरेलू महिला आकांक्षा ने कहा कि सरकार को इस तरह के कदम उठाने चाहिए जिससे रसोई के खर्चे में कमी आई। दिन प्रतिदिन महंगाई बढ़ती जा रही है। रसोई गैसे लगातार महंगा हो रहा है, ऐसे में घर चलाना काफी मुश्किल होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ती महंगाई से घर का बजट खराब होते जा रहा है। हाल में महंगाई दर में काफी अधिक वृद्धि देखने को मिली है। फुटकर महंगाई के आंकड़े हाल ही में जारी किए गए जिसमें महंगाई बढ़ती हुई नजर आई। आकांक्षा ने कहा कि कुछ माह पहले सब्जियों की आसमान छूती कीमतों ने हमारे पूरे परिवार के बजट को हिलाकर रख दिया था। सरकार को महंगाई पर काबू करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त क़ानून बने

गृहणी निमिषा कहती हैं, महिला सुरक्षा को लेकर सरकार ने काफी कुछ किया है लेकिन अभी बहुत कुछ करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि महिलाएं सख्त कानून बनने और काफी जागरुकता के बाद भी महिलाओं के साथ घर के अंदर से लेकर बाहर तक उत्पीड़न की तमाम घटनाएं होती हैं। महिला अपराध पर भी अंकुश नहीं है। निर्मला सीतारमण इस आम बजट में महिलाओं का पूरा ख्याल रखें। महिलाओं और युवतियों को देश में घर के अंदर और घर के बाहर हर जगह सुरक्षा का कवच रहे। ऐसा कुछ सरकार को करना चाहिए ताकि बेटी के घर के बाहर जाने पर माता-पिता को उसके आने तक मन में कोई भय ना रहे।

बराबरी का हक मिले

प्राइवेट कॉलेज में कार्यरत शिक्षिका निकिता कहती हैं, नौकरियों में आधी आबादी को बराबर का हक दिया जा रहा है। हालांकि अभी कुछ क्षेत्रों में महिलाओं को बराबरी की हक नहीं मिल रहा है। सरकारी विभागों में नौकरी मिलती भी है तो महिलाओं को सम्मान कम मिलता है। इस पर सरकार ध्यान दें।