नई दिल्ली, : वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की ओर से कई बड़े ऐलान किए गए हैं। सरकार ने नए टैक्स स्लैब लाकर आम लोगों को राहत देने की कोशिश की है। वहीं, देश के विकास को रफ्तार देने के लिए पूंजीगत व्यय को भी 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये तक कर दिया गया है। इसके साथ अर्थव्यवस्था से जुड़े कई महत्वपूर्ण आंकडे़ भी किए गए हैं। आइए जानते हैं।
कुल खर्च और आय
बजट के आंकड़ों में बताया गया कि वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार का कुल खर्च 45.03 लाख करोड़ रुपये और कुल आय 33.61 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इसके साथ राजकोषीय घाटा भी जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रह सकता है। आने वाले वित्त वर्ष में इसे पूरा करने के लिए सरकार को बाजार से 15.4 लाख करोड़ की उधारी लेनी पड़ सकती है। वहीं, सरकार का लक्ष्य 2025-26 तक इसे 4.5 प्रतिशत पर लाना है।
विकास दर का अनुमान
बजट से पहले जारी हुए आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया कि नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ 10.5 प्रतिशत रहने के अनुमान है, जबकि रियल जीडीपी ग्रोथ 6-6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
बजट 2023 में किस सेक्टर को कितना मिला आवंटन
बजट में सरकार की ओर से पूंजीगत व्यय को भी 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये तक कर दिया गया है। इसके साथ पीएम आवास योजना पर खर्च 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये किया गया है। रेलवे को 2.40 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वहीं, बजट में सब्सिडी का भी खास ख्याल रखा गया है कि 1.75 लाख करोड़ फर्टिलाइजर, फूड के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये और 2, 257 करोड़ रुपये पेट्रोलियम को आवंटित किए गए हैं।
रुपया आता है, रुपया जाता है
सरकार की एक रुपये की खर्च में 20 पैसे ब्याज पर, 18 पैसे राज्य सरकारों के टैक्स और ड्यूटी, 17 पैसे सेंट्रल सेक्टर की स्कीम्स, 9 पैसे केंद्र सरकार की योजनाओं, 9 पैसे फाइनेंस कमीशन और अन्य ट्रांसफर, 8 पैसे डिफेंस, 8 पैसे अन्य खर्चों पर, 7 पैसे सब्सिडी और 4 पैसे पेंशन पर किए जा रहे हैं।
वहीं, सरकार को मिलने वाले एक रुपये में से 2 पैसे नॉन-डेट कैपिटल रिसेप्ट्स, 4 पैसे कस्टम, 6 पैसे नॉन-टैक्स रेवेन्यू, 7 पैसे केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी, 15 पैसे कॉरपोरेशन टैक्स, 15 पैस इनकम टैक्स, 17 पैस जीएसटी और अन्य टैक्स, 34 पैसे उधारी और देनदारियों से आता है।