- नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए अंकों का फार्मूला सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जिसे शीर्ष अदालत ने हरी झंडी दे दी है। वहीं प्राइवेट, पत्राचार और सेकेंड चांस कंपार्टमेंट वाले छात्रों के लिए बोर्ड ने कहा है कि इन्हें परीक्षा देनी होगी। हालांकि बोर्ड ने ये साफ किया है कि जब माहौल माकूल होगा तब परीक्षा होगी।
इधर ऐसे छात्रों के परिजन परेशान हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर माहौल कब सुधरेगा ये कहा नहीं जा सकता है। अभी कोरोना के थर्ड वेब की बात हो रही है। ऐसे में इन छात्रों की परीक्षा कब होगी, रिजल्ट कब आएगा और आगे की पढ़ाई का क्या होगा ये सबकुछ अभी अधर में है। ऐसे छात्रों के परिजन बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
मामले में एडवोकेट ममता शर्मा का कहना है कि इस मामले की अगली 21 को होनी है उसमें इन बच्चो का मुद्दा उठाया जाएगा। किसी ने भी इस मामले की ओर ध्यान नहीं दिया है। पूरे मामने में दोतरफा रवैया अख्तियार किया है।
गौरतलब है कि रेग्युलर छात्रों को बिना परीक्षा दिए ही 10वीं, 11वीं और 12वीं क्लास में उनके प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाने का फार्मूला तय किया गया है। वहीं 10वीं और 11वीं के लिए अलग प्रोसेस अपनाया जाएगा। इनमें टर्म एगजमिनेशन में जिन तीन विषयों में अच्छे अंक मिले हैं उनको आधार बनाकर मार्किंग की जाएगी।