- नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा प्राइवेट कटेगरी के स्टूडेंट्स के लिए बोर्ड परीक्षा का आयोजन 16 अगस्त से 15 सितंबर 2021 तक किये जाने की घोषणा बुधवार, 21 जुलाई 2021 को की गयी। वहीं, प्राइवेट स्टूडेंट्स द्वारा रेगुलर स्टूडेंट्स की रद्द की गयी बोर्ड परीक्षाओं और नतीजे वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति से किये जाने के बोर्ड के निर्णय के अनुसार किये जाने की मांग कई दिनों से की जा रही है। इस क्रम में अब कई प्राइवेट कटेगरी के स्टूडेंट्स के पैरेंट्स द्वारा उच्चतम न्यायालय एक समीक्षा याचिका दायर की गयी है। सुप्रीम कोर्ट में आज, 23 जुलाई 2021 को दायर इस समीक्षा याचिका में मांग की गयी है कि दूसरे छात्रों की तरह ही प्राइवेट स्टूडेंट्स को भी राहत मिले और इस मामले शीर्ष अदालत हस्तक्षेप करे।
बता दें कि सीबीएसई बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के प्राइवेट स्टूडेंटस के लिए रेगुलर, क्लासरूम आधारित परीक्षा आयोजित करने की दलील उच्चतम अदालत में एक सम्बन्धित मामले की सुनवाई दौरान दी थी। बोर्ड का पक्ष था कि प्राइवेट स्टूडेंट्स के परिणाम वैकल्पिक मूल्यांकन नीति के आधार पर घोषित नहीं किए जा सकते हैं क्योंकि “न तो स्कूल और न ही सीबीएसई के पास इन छात्रों के लिए कोई पिछला मूल्यांकन रिकॉर्ड है”। इसके बाद शीर्ष अदालत ने इन स्टूडेंट्स के लिए परीक्षाओं को आयोजित करने की अनुमति दी थी। इसी निर्णय की समीक्षा के लिए याचिका सुप्रीम कोर्ट में पैरेंट्स द्वारा दायर की गयी है।