नई दिल्ली, । नई दिल्ली, एएनआई। दिल्ली में दो संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों सीएम केजरीवाल और एलजी वीके सक्सेना के बीच तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। दोनों अक्सर हर मुद्दे पर एक-दूसरे में आरोप-प्रत्यारोप लगते हुए दिखे जा सकते हैं। अब दिल्ली के सीएम केजरीवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए एलजी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाया है।
LG ने अपनी शक्तियों का किया दुरुपयोग- केजरीवाल
केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कहा- केजरीवाल ने कहा एलजी वीके सक्सेना ने उस मामले को प्रभावित करने की कोशिश की है, जिसका कल सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी। मैंने कई वकीलों से बात की है और यह न्याय के प्रशासन में हस्तक्षेप के समान है। उपराज्यपाल ने अदालत की आपराधिक अवमानना की है। साथ ही उन्होंने एलजी पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया है।
इसी प्रेस वार्ता में सीएम ने कहा- आम आदमी पार्टी की मेयर प्रत्याशी शैली ओबेरॉय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, सुनवाई के लिए एलजी के वकील थे तुषार मेहता जबकि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शहरी विकास सचिव से गौतम नारायण को दिल्ली सरकार का वकील बनाने के लिए कहा था।
इस पर एलजी को लगा कि इससे उनका किया-धरा कोर्ट में सबके सामने आ जाएगा। इसलिए उन्होंने 9-10 फरवरी की रात शहरी विकास सचिव को आदेश जारी किया कि तुषार मेहता को ही दिल्ली सरकार भी वकील बना दिया जाए और इस केस को कोर्ट में डिफेंड किया जाए। साथ ही एक काउंटर एफिडेविट भी फाइल किया जाए।
मेयर चुनाव के लिए भेजा प्रस्ताव
शहरी विकास सचिव को एलजी का आदेश मानना पड़ा। लेकिन यह तो शुक्र है कि सुप्रीम कोर्ट के जज को पांच मिनट में ही पूरा मामला समझ आ गया और उन्होंने दिल्ली सरकार के पक्ष में अपना फैसला सुना दिया। इससे साबित हो गया कि एलजी ने किसी फिल्मी कहानी की तर्ज पर पूरा षडयंत्र रचा कि कोर्ट में सच सामने न आने पाए।
मैंने एलजी को पत्र भी लिखा है और कहा है कि इतने बड़े संवैधानिक पद पर होने के चलते उन्हें ऐसी हरकतें करना शोभा नहीं देता। अब हमने एलजी को मेयर चुनाव के लिए 22 फरवरी की तिथि का प्रस्ताव भेजा है, उम्मीद है कि अबकी बार दिल्ली को मेयर मिल ही जाएगा।