नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र स्थित राव कोचिंग सेंटर में हुई मौतों के मामले में कोर्ट ने उस बेसमेंट के चार सह-मालिकों को जमानत देने से इनकार कर दिया।
बता दें कि इस कोचिंग सेंटर में बारिश का पानी भरने से तीन आईएएस IAS छात्रों की डूबकर मौत हो गई थी।
अर्श से फर्श पर पहुंचा राव कोचिंग सेंटर
राव कोचिंग सेंटर की 70 सालों की मेहनत अचानक अर्श से फर्श तक पहुंच गई है। कई अभ्यर्थियों को अर्श तक पहुंचाने वाला कोचिंग सेंटर अब खुद प्रशासन के शिकंजे में आ गया है। सवाल उठ रहा है कि इतनी मोटी रकम (फीस) लेकर भी छात्रों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा था। जिसके चलते ही तीन अभ्यर्थियों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
कैसे हुई थी कोचिंग सेंटर की शुरुआत
राव कोचिंग सेंटर की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 70 साल पहले 1953 में डॉ. एस राव ने इस कोचिंग सेंटर की शुरुआत की थी, जो आज तक देश के राज्यों में अभ्यर्थियों को कोचिंग करा रहा है। लिंक्डइन पर राव कोचिंग सेंटर की प्रोफाइल, जिसके अनुसार इस कंपनी में करीब 200 कर्मचारी कार्यरत हैं।
कैसे हुई थी छात्रों की मौत
पुलिस ने बताया कि दिल्ली अग्निशमन विभाग को शनिवार शाम करीब सात बजे राव आईएएस स्टडी सेंटर और करोल बाग इलाके में जलभराव की सूचना मिली थी। पुलिस को बताया गया कि दो या तीन छात्र बाढ़ वाले बेसमेंट में फंसे हुए हैं। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो उन्होंने बेसमेंट में काफी पानी भरा हुआ पाया। जब पानी को बाहर निकालने का प्रयास किया गया तो शुरुआत में बाधा आई, क्योंकि बारिश का पानी बेसमेंट में जाता जा रहा था।
हालांकि, जब सड़क से पानी कम हुआ, तो पानी के स्तर 12 फीट से घटकर आठ फीट तक हो गया। पानी कम होने के बाद पता चला की तीन छात्रों की मौत हो गई और उनके शवों को बाहर निकाला गया।
30 छात्र पानी में फंसे थे
पुलिस ने घटना का विवरण देते हुए बताया कि कोचिंग सेंटर में लगभग 30 छात्र थे, जिनमें से 14 को बचा लिया गया और अस्पताल ले जाया गया, जबकि अन्य खुद बच निकल गए थे।
इन तीन छात्रों की हुई मौत
जिन तीन छात्रों की मौत हुई उनमें उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के एर्नाकुलम के निविन दलविन शामिल हैं।