नई दिल्ली, सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच सैन्य अधिकारियों ने रविवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर युवाओं की ढेर सारी आशंकाओं का निवारण करने का प्रयास किया। इस दौरान सैन्य अधिकारियों ने संवाददाताओं की ओर से पूछे गए कई सवालों के जवाब भी दिए। सैन्य अधिकारियों ने कहा कि सेना अग्निवीरों को अकेला नहीं छोड़ेगी। आइये जानें इस प्रेस कांफ्रेंस की 10 बड़ी बातें…
हिंसा करने वालों को सेना की दो-टूक
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि कुछ कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाने वाले छात्रों को भड़काकर प्रदर्शन करा रहे हैं। हमारे साथ जो अग्निवीर में जुड़ना चाहता है वो प्रतिज्ञा लेगा कि उसने किसी प्रदर्शन या तोड़फोड़ में हिस्सा नहीं लिया है… फौज में पुलिस वेरिफिकेशन के बिना कोई नहीं आ सकता है। इसलिए प्रदर्शन कर रहे छात्रों से अनुरोध है कि अपना समय खराब न करें।
सेना से जुड़ने वालों को अकेला नहीं छोड़ते
सैन्य अधिकारियों ने कहा कि सेना से जुड़ने वालों को भारतीय फौज कभी अकेला नहीं छोड़ती है। वह हमेशा अपने जवानों का ख्याल रखती है। इसी तरह अग्निवीरों का भी सेना ख्याल रखेगी। अधिकारियों ने यह भी साफ कर दिया कि सभी भर्तियां इसी योजना के तहत होंगी। 25 हजार अग्निवीरों का पहला बैच दिसंबर में सेना में शामिल किया जाएगा।
नहीं होगा कोई भेदभाव
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने यह भी बताया कि देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। सेवा शर्तों में भी अग्निवीरों के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। उन्हें सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो नियमित सैनिकों पर लागू होती है। उनके साथ रहन सहन और सम्मान में कोई भेदभाव नहीं होगा। मौजूदा वक्त में नियमित जवान को जो पे-अलाउंस मिल रहे हैं, अग्निवीर को उससे ज्यादा मिलेंगे।
चार साल के बाद कई सहूलियतें मिलेंगी
सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा कि यह सवाल बार बार पूछा जा रहा है कि चार साल के बाद क्या… हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे। अग्निवीरों को सेवा के बाद कई सहूलियतें मिलेंगी।
बढ़ती उम्र चिंताजनक
सैन्य अधिकारी ने कहा कि सशस्त्र बलों की बढ़ती उम्र चिंताजनक है। कारगिल समीक्षा समिति ने भी इस ओर इशारा किया था। तीनों सेना प्रमुख और पूर्व CDS ने मिलकर दूसरे देशों की सेनाओं की औसत उम्र देखी। यह योजना लाने से पहले विस्तृत चर्चा की गई है और अध्ययन किया गया।
नई पीढ़ी में ताकत, जज्बा और जुनून
रक्षा मंत्रालय की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने सवाला उठाया कि क्या यह अच्छा लगता है कि देश की रक्षा करने वाली सेना 32 साल की हो… नई पीढ़ी हम लोगों से बेहतर है। उसके पास ताकत, जज्बा और जुनून भी है। वह तकनीक को भी बेहतर जानती है। यही कारण है कि सेना में आमूलचूल बदलाव के लिए यह नया भर्ती सिस्टम लाया गया है।
बदल गया है लड़ाई का तरीका
मौजूदा वक्त में लड़ाई का तरीका बदल गया है। यह पूरी तरह तकनीक पर निर्भर हो गई है। नई नई तकनीकि आ चुकी हैं। इसके लिए जरूरी है कि हमारा जवान ऐसी लड़ाई के लिए तैयार रहे। हमें सेना में युवा जोश चाहिए। हमें जुनून और जज्बे के साथ होश की भी जरूरत है।
वापस नहीं ली जाएगी यह योजना
अग्निपथ योजना को वापस लेने जरूरत नहीं है, ना ही यह वापस ली जाएगी। रहा सवाल कि अभी क्यों तो… हमारा जवाब है कि कोरोना महामारी के बाद यह सबसे अच्छा समय है इसे लागू करने का… सेना में बदलाव की प्रक्रिया 1989 से चल रही है। सेना की औसत उम्र 32 साल है जिसे 26 पर लाना हमारा लक्ष्य है।
नौसेना में शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया
वहीं नौसेना के वाइस एडमिरल डीके त्रिपाठी ने कहा कि हमने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। 25 जून तक हमारा विज्ञापन प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा। एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 21 नवंबर को हमारे पहले अग्निवीर हमारे ट्रेनिंग संस्थान में रिपोर्ट करेंगे। नौसेना में हम महिला अग्निवीर भी ले रहे हैं। उसके लिए हमारी ट्रेनिंग में जो संशोधन करना है उसके लिए काम शुरू हो चुका है।
वायुसेना में 24 जून से शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया
एयर मार्शल एसके झा ने बताया कि भारतीय वायुसेना में 24 जून से अग्निवीरों के पहले बैच को लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह एक आनलाइन सिस्टम है। उसी के तहत उसपर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। एक महीने बाद 24 जुलाई से फैज-1 आनलाइन परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। दिसंबर के अंत तक अग्नवीर के पहले बैच को वायुसेना में शामिल कर लेंगे। 30 दिसंबर से पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी।