उन्होंने बताया कि दिल्ली सचिवालय से केंद्रीय सचिवालय और आरके पुरम से केंद्रीय सचिवालय के लिए शटल बसें शुरू की जा रही हैं। जिन स्थानों पर निर्माण कार्यों को छूट मिली है, वहां पर धूल को रोकने के लिए सभी नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा। दिल्ली के अंदर गैर धूल वाले कार्यों को काम करने की अनुमति रहेगी।
पड़ोसी राज्य से दिल्ली में आ रहा प्रदूषण
उन्होंने कहा कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए स्कूलों को फिलहाल बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इसको लेकर सोमवार को अगला निर्णय लिया जाएगा। प्रदूषण पर रोकथाम के लिए पड़ोसी राज्यों को भी सक्रिय होना पड़ेगा। दिल्ली में 69 प्रतिशत प्रदूषण दूसरे राज्यों से ही दिल्ली में आ रहा है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अंदर अब सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। एनसीआर में डीजल की बसें आज भी चल रही हैं। ईंट भट्ठे चल रहे हैं, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री कब सक्रिय होंगे?
प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमः
- दिल्ली में 5 नवंबर तक स्कूल बंद, इस दौरान निर्माण कार्य भी बंद रहेंगे।
- बीएस3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल के वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- सड़कों की सफाई के लिए 52 मशीनें 8 घंटे की जगह 12 घंटे काम करेंगे
- सड़कों पर पानी के छिड़काव के लिए 300 से अधिक टैंकर लगाए गए
- डीटीसी की बसों को 4000 चक्कर बढ़ाने और मेट्रो के चक्कर बढ़ाए गए