नई दिल्ली, । दिल्ली-NCR की हवा फिर खराब हो गई है। राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर स्तर तक पहुंच गया है। हवा की गुणवत्ता के तेजी से बिगड़ने की शुरुआत पिछले हफ्ते हुई। जहरीली होती हवा को कंट्रोल को करने के लिए सरकार कदम उठा रही है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण से चिंता व्यक्त किया है। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से नाखुश आयोग ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मुख्य सचिवों को 10 नवंबर को तलब किया है।
प्रदूषण से लोगों की मौत हो रही है: गुलेरिया
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने कहा कि प्रदूषण से लोगों की मृत्यु हो रही हैं और जीवन स्तर कम हो रहा है। एम्स में वायु प्रदूषण बढ़ते ही सांस की तकलीफ वाले मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चों पर भी इसका बुरा असर होता है। बच्चे, बुजुर्ग, जिनके के फेफड़े और हार्ट कमजोर हैं उनको ऐसी जगहों पर नहीं जाना चाहिए जहां प्रदूषण ज्यादा है। जाना है तो दिन में जाएं जब धूप निकल गई हो और मास्क लगा कर जाएं। वायु प्रदूषण को हम एक साइलेंट किलर कह सकते हैं।
दिल्ली-NCR में प्रदूषण का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली-NCR में प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट से कदम उठाने की मांग की गई है। इस पर सीजेआई ने पूछा कि कौन सी पीठ मामले पर सुनवाई कर रही है। एमसी मेहता मामले में यह मामला शामिल है। वकील ने कहा कि जीवन के अधिकार के तहत सुप्रीम कोर्ट को मामले पर गौर करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट प्रदूषण मामले पर 10 नवंबर को सुनवाई करेगा।
दिल्ली में कल से स्कूल बंद (School Closed in Delhi)
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर बड़ा फैसला किया है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कल से प्राइमरी स्कूल बंद होंगे। बच्चों को कोई दिक्कत नहीं होने देंगे। कक्षा 6 से बच्चों की सभी आउटडोर एक्टिविटीज बंद। स्पोर्ट डे और स्पोर्ट्स पीरियड भी बंद किए जाएंगे। दिल्ली में ऑड-ईवन पर विचार कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री तोमर आज 4 राज्यों के किसानों के साथ करेंगे बैठक
पराली और पदूषण के मुद्दे पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आज पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ बैठक कर रहे हैं। पराली को लेकर एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है। प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर दिल्ली एनसीआर पर पड़ता है, जिसके कारण एक एक राज्य दूसरे पर पराली जलाने को लेकर आरोप लगा रहे हैं। देश मे लगभग 550 टन फसलों के अवशेषों का उत्पादन होता है।