जी-7 के केंद्र में रहा रूस-यूक्रेन युद्ध
रूस-यूक्रेन युद्द जर्मनी के बवेरिया क्षेत्र में एक सदी पुराने पहाड़ी महल के अंदर आयोजित होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन के केंद्र में रहा। नेताओं ने रूस की अर्थव्यवस्था को अलग-थलग करने के लिए कई नए कदम उठाने का फैसला किया है, जिसमें रूसी सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाना भी शामिल है। नेताओं ने जेलेंस्की के लिए समर्थन का वादा किया है।
- ‘द हिल’ ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की है कि समूह मास्को के यूक्रेन पर चल रहे आक्रमण के लिए सजा के रूप में रूसी सोने पर नए आयात प्रतिबंध लगाएगा।
- अमेरिका ने कहा कि मास्को पर प्रतिबंधों का शिकंजा कसने के उद्देश्य से जी-7 राष्ट्र रूसी सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाएंगे।
- जो बाइडन ने कहा कि जी 7 घोषणा करेगा कि हम रूसी सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाएंगे।
रूसी सोने के आयात पर लगेगा प्रतिबंध
इससे पहले भी, बाइडन ने ट्वीट किया था, ‘संयुक्त राज्य अमेरिका ने पुतिन पर अभूतपूर्व लागत लगाई है ताकि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए उन्हें आवश्यक राजस्व से वंचित किया जा सके। इसके साथ ही, G7 रूसी सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाने की भी घोषणा करेगा, जो रूस का प्रमुख निर्यात है और जिसके जरिए रूस को अरबों डालर मिलते हैं।’
मंगलवार को होगी आधिकारिक घोषणा
इन उपायों को शुरू में यूनाइटेड किंगडम द्वारा चिह्नित किया गया था। हालांकि, अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि ने नाम न छापने की शर्त पर संवाददाताओं से कहा कि जी-7 मंगलवार को सोने के आयात पर प्रतिबंध की आधिकारिक घोषणा करेगा।
जर्मन चांसलर के साथ बाइडन ने की बैठक
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज (German Chancellor Olaf Scholz) के साथ बाइडन की बैठक के बारे में व्हाइट हाउस ने बताया कि बातचीत का मुख्य विषय यूक्रेन था। इस दौरान नेताओं ने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के साथ-साथ यूक्रेन को रूसी आक्रमण के खिलाफ अपने लोकतंत्र की रक्षा करने में मदद करने के लिए सैन्य, आर्थिक, मानवीय और राजनयिक समर्थन के अपने निरंतर प्रावधान को रेखांकित किया। नेताओं ने वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर यूक्रेन में रूस के युद्ध के प्रभावों को कम करने के प्रयासों पर भी चर्चा की।’
बाइडन ने पुतिन पर लगाया गंभीर आरोप
रविवार को अपने मेजबान जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से मुलाकात करते हुए बाइडन ने एक साथ रहने के महत्व को रेखांकित करने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘पुतिन शुरू से ही भरोसा करते रहे हैं कि किसी तरह नाटो और जी-7 बिखर जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।’