हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को अपने कार्यकाल का चौथा बजट पेश किया है. इस दौरान उन्होंने कई अहम घोषणाएं की हैं. उन्होंने कहा है कि नाबार्ड को आरआईडीएफ के माध्यम से पोषित होने वाली विधायक प्राथमिकता की वर्तमान सीमा को 120 करोड़ से बढ़ाकर 135 करोड़ रुपए किया जाएगा. विधायकों को 1 अप्रैल से मिलेगा पूरा वेतन दिया जाएगा. कोरोनावायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए 30 प्रतिशत की कटौती की गई थी. वहीं, उन्होंने बताया है कि हिमाचल की GDP में गिरावट देखी गई है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर घोषणा करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती के लिए 20 करोड़ रुपए का बजट दिया जाएगा. इसके अलावा कृषि और बागवानी विश्व विद्यालय में रिसर्च के लिए 5-5 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान रखा गया है. वहीं, सब्जी मंडियों के निर्माण और विस्तार के लिए 200 करोड़ रुपए दिए गए हैं. प्रदेश के 5 जिलों में जापान की सहायता से चलाई जा रही जाइका परियोजना के पहले चरण में सफलता को देखते हुए इसके दूसरे चरण को सभी 12 जिलों में चलाया जाएगा. 1,055 करोड़ रुपए की इस परियोजना को 2021-22 से शुरू किया जाएगा जिसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं.
पंचायत चौकीदारों का बढ़ाया मानदेय
मुख्यमंत्री ने दूध के समर्थन मूल्य को बढ़ाने की घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि हिमाचल में दूध का खरीद मूल्य 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया जाएगा. इसके अलावा सिलाई अध्यापिकाओं और पंचायत चौकीदारों के मानदेय में 300 रुपए की बढ़ोतरी की गई है. प्रदेश के स्कूलों में तैनात एसएमसी और आईटी टीचर का भी मानदेय बढ़ाया जाएगा. उन्हें 500-500 रुपए प्रति महीने अधिक दिए जाएंगे. मिड-डे मील कर्मियों के मानदेय में भी 300 रूपए का इजाफा किया गया है.
आशा वर्करों का बढ़ाया मानदेय
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना काल में आशा वर्करों ने अच्छा काम किया है इसलिए इनके वेतन में 750 रुपए की बढ़ोतरी की जाएगी. इसके अलावा उन्होंने बताया है कि हिमाचल में 300 जल भंडारण बांध बनाए जाएंगे. इसके लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है और पंचायतों में 2982 कॉमन सर्विस सेंटर बनाए जाएंगे, जिसके लिए 149 करोड़ रुपए का बजट दिया जाएगा.