नई दिल्ली, । केंद्रीय सूचना आयोग का कहना है कि दो साल पहले लद्दाख की गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में कितने चीनी सैनिक मारे गए थे, यह जानकारी उपलब्ध नहीं है और यह आंकड़े केवल भारतीय सेना तक ही सीमित हैं। सीआइसी ने हाल के आदेश में सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत 15 और 16 जून, 2020 की रात को हुई झड़प में चीनी सैन्य बलों के हताहतों की संख्या बताने से इन्कार कर दिया है।
उनका कहना है कि सेना ने ऐसी कोई जानकारी देने से इन्कार करते हुए कहा कि यह तीसरे पक्ष की जानकारी है। इसे आइटीआइ की धारा आठ(1)(जे) के तहत निजी की प्रकृति की जानकारियों को देने से छूट दी गई है। इस जानकारी को साझा करने से मना करने के लिए सेना ने धारा(1)(ए) का भी हवाला दिया। इसके तहत देश की उन जानकारियों को साझा नहीं किया जाता जो देश की अखंडता और संप्रभुता को प्रभावित कर सकती हैं।
आरटीआइ याचिकाकर्ता अखंड ने गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों के हताहत होने की भी जानकारी मांगी थी। शहीदों के स्वजनों को मुआवजा राशि दिए जाने के बारे में भी जानकारी मांगी गई थी। साथ ही पूछा था कि क्या इस घटना में भारतीय सैनिक लापता भी हुए हैं? अखंड के प्रतिनिधियों ने सीआइसी के समक्ष ने व्यापक जनहित में कहा कि सूचनाएं याचिकाकर्ता को मुहैया कराई जानी चाहिए। सूचना आयुक्त वनजा एन.सरना ने कहा कि याचिकाकर्ता को उचित जवाब दिया गया है।