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Jharkhand: दो महीने से नक्सलियों के कब्जे में पश्चिमी सिंहभूम के दो गांव,


चाईबासा, । झारखंड के नक्सल प्रभावित पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोंटो थाना क्षेत्र के दो गांव तुम्बाहाका और सरजमबुरू पिछले लगभग दो महीने से नक्सलियों के कब्जे में है। दोनों गांव की आबादी करीब 450 है।

ग्रामीणों को ना तो बाहर निकलने दिया जा रहा है और ना ही किसी बाहरी व्यक्ति को इन गांवों में प्रवेश करने दिया जा रहा है। गांव में शिक्षकों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। इस वजह से प्राथमिक विद्यालय तुम्बाहाक भी जनवरी के पहले सप्ताह से बंद पड़ा है।

बताया जा रहा है कि चाईबासा से दो शिक्षक 16 जनवरी को स्कूल खोलने गए थे। दोनों शिक्षकों को नक्सलियों ने धमकी देकर भगा दिया था। इसकी पुष्टि जिला शिक्षा विभाग ने भी की है।

विभाग की ओर से बताया गया कि संबंधित स्कूल के शिक्षकों ने यह लिखकर दिया है कि गांव में नक्सली खौफ है। इस वजह से वो स्कूल खोलने में असमर्थ हैं।

गांव से 700 मीटर पहले बम बांधकर रोका रास्ता

तुम्बाहाका गांव की ओर जाने वाले रास्ते में करीब 700 मीटर पहले नक्सलियों ने पेड़ काटकर रास्ते को रोक रखा है। कटे हुए पेड़ में बम लगा दिया है। इसके अलावा गांव के चारों तरफ बड़ी संख्या में बम लगा रखे हैं। इस कारण सुरक्षा बल के जवान नक्सलियों से मोर्चा लेने के लिए गांव में नहीं घुस पा रहे हैं।

तुम्बाहाका और सरजमबुरू गांव के पास जंगल में ही नक्सलियों ने अपना कैंप भी लगा रखा है। सुरक्षाबलों की ओर से ड्रोन से ली गई तस्वीर इसकी पुष्टि करती है। बताया जा रहा है कि ड्रोन को मंडराते देख नक्सलियों ने पत्थर मारकर उसे गिराने की कोशिश की थी मगर जवान चालाकी से ड्रोन को सुरक्षित वापस ले आए।

तुम्बाहाका में लगना था सीआरपीएफ कैंप

सूत्रों की मानें तो पहले सीआरपीएफ 197 बटालियन का कैंप तुम्बाहाका में लगाने की योजना थी मगर आसपास के क्षेत्र में बड़ी संख्या में आइईडी लगे होने के कारण एक किलोमीटर पहले पालातरुब में कैंप लगाना पड़ा है। तुम्बाहाका और सरजमबुरू के आसपास जोजोहातु, अंजदबेड़ा, रेंगड़ा, लुईया, हाथीबुरू आदि गांव हैं। इन गांवों में फोर्स पहुंची है मगर तुम्बाहाका और सरजमबुरू गांव में पुलिस नहीं घुस पाई है।

जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर है तुम्बाहाका गांव

पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा से तुम्बाहाका की दूरी करीब 35 किलोमीटर है। चाईबासा से नरसंडा मोड़ से सोनुवा तक जाने वाली सड़क पर बरकेला से कटकर जोजोहातु, अंजदबेड़ा, माईपी, स्वयंबा, पालातरुब होते हुए तुम्बाहाका जाया जाता है। स्वयंबा के आगे रास्ता नहीं है।

अब तक 100 से अधिक विस्फोट

तुम्बाहाका जाने के लिए पगडंडी का ही इस्तेमाल गांव वाले करते हैं। गोइलकेरा और टोंटो के बीच के रास्तों पर नक्सलियों ने बम बिछाए हुए हैं। पिछले एक महीने में इन क्षेत्रों में अब तक 100 से अधिक विस्फोट हो चुके हैं।

विस्फोट के कारण गांवों में निवासरत ग्रामीण, पशुओं का जीवन कष्टकारी हो रहा है। इन विस्फोट में 10 सीआरपीएफ जवान जख्मी हुए हैं। चार ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। 13 साल का एक बच्चा और दो बुजुर्ग महिला विस्फोट की चपेट में आकर जख्मी हुए हैं।

1 करोड़ का ईनामी मिसिर, अनमोल, मोछू, कांडे को घेरने की कोशिश

वहीं, कोल्हान रिजर्व फारेस्ट में नक्सलियों के खिलाफ अंतिम लड़ाई लड़ी जा रही है। इस क्षेत्र में पड़ने वाले घोर नक्सल प्रभावित टोंटो थाना क्षेत्र के तुम्बाहाका व सरजमबुरू के जंगल में नक्सली संगठन का शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछू, चमन, कांडे होनहागा, सागेन अंगरिया, अश्विन के अपने दस्ते के भ्रमणशील रहने की खबर है।

इन्हें घेरने के लिए जिला पुलिस, कोबरा और सीआरपीएफ बलों की संयुक्त टीमें बीते 7 जनवरी से ही सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।

कोल्हान डीआइजी अजय लिंडा का कहना है कि लगातार सर्च ऑपरेशन की वजह से मिसिर समेत अन्य नक्सली प्रत्येक दिन अपना स्थान बदल रहे हैं। उनके पास अब सरेंडर करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। अब या तो नक्सली मारे जाएंगे या सलाखों के पीछे जाएंगे।

कोल्हान पुलिस उपमहानिरीक्षक अजय लिंडा ने कहा कि तुम्बाहाका गांव पर नक्सलियों का कब्जा होने की बात कहना सही नहीं होगा। दरअसल, कोल्हान रिजर्व क्षेत्र के घनघोर जंगल में बसे टोंटो थाना क्षेत्र के तुम्बाहाका और सरजमबुरू के आसपास नक्सलियों ने बड़ी संख्या में आइईडी लगा रखे हैं।

उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को गांव से बाहर नहीं निकलने की चेतावनी दी है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस गांव के भीतर नहीं घुस पा रही है। इस इलाके को फोर्स ने घेरा हुआ है।