कानपुर, नई सड़क के बवाल के बाद मुख्य आरोपित हयात जफर हाशमी से जुड़े राज अब बाहर आने लगे हैं। पुलिस की जांच में समाने आया है कि उसने और उसके साथियों ने गिरफ्तारी से पहले अपने-अपने मोबाइल का डाटा डिलीट करके सभी सुबुत मिटा दिए थे। वहीं एटीएस की जांच में तीन सफेदपोश नाम भी मददगार के रूप में सामने आ रहे हैं।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि उपद्रव के मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी और उसके साथियों जावेद अहमद, मोहम्मद राहिल और मोहम्मद सूफियान ने पकड़े जाने से पहले ही सुबूत मिटा दिए थे। अपने मोबाइल फोन से कई महत्वपूर्ण जानकारियां डिलीट कर दी थीं। इस पर पुलिस ने पूरा डाटा रिकवर कराने के लिए बरामद सभी छह मोबाइल फोन फोरेंसिक विभाग को भेजे हैं।
पुलिस के मुताबिक हयात के मोबाइल फोन में उसके अधिकतर ग्रुप डिलीट थे। जो मौजूद भी थे, उनमें चैटिंग हटा दी गई थी। जौहर फैन्स का वाट्सएप ग्रुप मिला, जिसमें 85 सदस्य जुड़े मिले। हालांकि संगठन में 1500 से ज्यादा सदस्य हैं। हयात के एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के लिए बाजार बंदी से जुड़े पोस्टर छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस ब्रह्मनगर स्थित रोमा ग्राफिक्स के मालिक शंकर सिंधी को नजीराबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि शंकर ने आपत्तिजनक पोस्टर छापे और पुलिस को सूचना नहीं दी।