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Kerala : कांग्रेस नेता ने भाजपा और कम्युनिस्ट पार्टी पर साधा निशाना


तिरुवनंतपुरम देश में 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के एक दिन बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने मंगलवार को भाजपा और कम्युनिस्ट पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि दोनों राजनीतिक दलों का स्वतंत्रता संग्राम को धोखा देने का इतिहास रहा है।

‘अंग्रेजों से माफी मांगने वालों के उत्तराधिकारियों का केंद्र में चल रहा शासन’

एक वीडियो संदेश में, सतीसन ने कहा कि केंद्र में अब उन लोगों के उत्तराधिकारियों का शासन चल रहा है जिन्होंने माफी मांगी और अंग्रेजों के साथ सुलह कर ली। जबकि राज्य पर शासन कर रहे कम्युनिस्टों ने सशस्त्र क्रांति के माध्यम से नेहरू सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश की थी।

‘विश्वासघात करने वाले मना रहे 76वां स्वतंत्रता दिवस’

सतीशन ने दावा किया, ‘एक मजेदार तथ्य यह है कि स्वतंत्रता संग्राम के साथ विश्वासघात करने वाले अब भारतीय स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मनाते हुए देखे गए हैं। केंद्र में सत्ताधारी दल के पूर्ववर्तियों ने शुरू में स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और जेल गए। लेकिन बाद में उन्होंने अंग्रेजों के साथ एक समझौता किया, उनसे माफी मांगी और मुक्त हो गए। उन्होंने बाद में स्वतंत्रता संग्राम की पीठ में छुरा घोंप दिया।

‘कम्युनिस्टों ने हिटलर का दिया साथ’

उन्होंने कहा कि कम्युनिस्टों ने भी ऐसा ही किया। 1939 में जब रूस के स्टालिन ने जर्मनी के हिटलर के साथ हिटलर-स्टालिन संधि के रूप में समझौता किया, केरल में कम्युनिस्ट हिटलर के साथ थे। जब हिटलर ने स्टालिन को धोखा दिया और रूस पर हमला किया, तो वे अंग्रेजों में शामिल हो गए। केरल में कम्युनिस्ट भी उनके साथ शामिल हो गए। 1942 में, जब भारत छोड़ो आंदोलन की घोषणा की गई, कम्युनिस्टों ने उस आंदोलन को धोखा दिया।

‘कम्युनिस्ट पार्टी के नेता संविधान का सम्मान नहीं करते’

कांग्रेस नेता ने 1948 की कलकत्ता थीसिस का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि कम्युनिस्टों ने नेहरू सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि कम्युनिस्ट पार्टी के उत्तराधिकारी आज भी देश के संविधान का सम्मान नहीं कर रहे हैं और उनके नेताओं को इसके प्रति कोई निष्ठा नहीं है।

‘स्वतंत्रता दिवस मनाने के नाम पर प्रदर्शन कर रहे हैं दोनों दल’

सतीसन ने कहा, ‘ये दोनों राजनीतिक दल स्वतंत्रता दिवस मनाने के नाम पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनमें कोई ईमानदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि युवा पीढ़ी इन राजनीतिक दलों के इतिहास को समझे।

सतीसन के आरोपों पर भाजपा और कम्युनिस्ट पार्टी ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।