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पंजाब मोटर्स व रोडवेज वर्कर्स यूनियन को सीएम के साथ बैठक का आश्वासन


जालंधर। पंजाब मोटर्स यूनियन, पंजाब रोडवेज, पनबस एवं पीआरटीसी कान्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के धरनों को मुल्तवी करवाकर उनकी मांगे पूरी करने के लिए बातचीत का न्योता देना मान सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनने जा रहा है। पंजाब मोटर्स यूनियन निजी बसों के लिए अड्डा फीस खत्म करने और पंजाब रोडवेज, पनबस एवं पीआरटीसी कान्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन कर्मचारियों को रेगुलर करने की मांग कर रही है।

दोनों ही मांगों को पूरा करना सरकार के लिए संभव ही नहीं है। पंजाब सरकार कान्ट्रैक्ट एवं आउटसोर्स के आधार पर भर्ती कर्मचारियों को ही समय पर वेतन दे पाने में असमर्थ नजर आ रही है। पंजाब के अधिकतर बस स्टैंड निजी हाथों में सौंप देने के बाद अड्डा फीस खत्म करना भी आसान नहीं है। हालांकि इन अड्डों पर पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी की बस फीस अदा नहीं करती है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान लुधियाना में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण करने के लिए आ रहे थे। स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले पंजाब मोटर्स यूनियन ने लुधियाना में निजी बस को आग लगा देने की घोषणा की थी। वहीं पंजाब रोडवेज, पनबस एवं पीआरटीसी कान्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने तीन दिन तक प्रदेश की सरकारी बसों का चक्का जाम करने के बाद लुधियाना में ही मुख्यमंत्री का घेराव करने की घोषणा की थी।

14 अगस्त को चक्का जाम हड़ताल शुरू भी हो गई थी। हालांकि उपरोक्त दोनों ही संगठनों के कार्यक्रम अफसरशाही ने इस आधार पर मुल्तवी करा लिए थे कि अति शीघ्र उनकी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के साथ बैठक करवाई जा रही है। पंजाब रोडवेज यूनियन को तो 18 अगस्त को बैठक का समय दे दिया गया है।

पंजाब मोटर्स यूनियन के प्रतिनिधियों की वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा एवं परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के साथ बैठक करवाई जा चुकी है। अब निजी आपरेटरों को भी मुख्यमंत्री के साथ बैठक कराए जाने का इंतजार है। दोनों ही संगठनों ने घोषणा की है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो फिर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संघर्ष का रास्ता तैयार किया जाएगा।