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Marriage Grant Scheme : घोटाले में रिकवरी तो हुई पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई में ठिठके पैर


अलीगढ़, । Marriage Grant Scheme : प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी शादी अनुदान योजना के घोटाले में misuse of public funds की रिकवरी तो हो रही है, लेकिन जिम्मेदार अफसर व कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं हुई है। बड़े अफसर भी चुप्पी साधे हैं। पिछले दो साल के लाभार्थियों की जांच के लिए Deputy Director Social Welfare की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने भी रिपोर्ट नहीं दी है। सीडीओ अंकित खंडेलवाल ने 10 दिन में जांच रिपोर्ट मांगी थी।

शादी अनुदान में फर्जीवाड़े की हुई थी जांच : social welfare के तत्कालीन उपनिदेशक संदीप कुमार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 व 2021-22 में शादी अनुदान में हुए फर्जीवाड़े की जांच की थी। इसमें 345 फर्जी पात्र पाए गए। ये सभी अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग व सामान्य वर्ग के लाभार्थी थे। विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से अपात्रों को ही पात्र बनाकर लाभ दे दिया गया। अनुदान के लिए दो बच्चों की मां तक की शादी करवा दी गई।

शादी की तिथियों में फेरबदल कर दिलवाया गया लाभ : 345 फर्जी अपात्रों में कई ऐसे हैं, जिनकी वर्षों पहले ही शादी हो गई, बच्चे हो गए। दलालों ने शादी की तिथियों में ही फेरबदल कर लाभ दिलवा दिया। उपनिदेशक ने एक नगर पंचायत व 18 ग्राम पंचायतों की जांच की। जांच अधिकारी ने इन दो साल में सभी लाभार्थियों की जांच कराने की संस्तुति की थी। इस पर सीडीओ ने आदेश जारी कर दिया है। जांच के लिए चार सदस्यीय समिति बनाई गई है। अपात्र लाभार्थियों के खाते में भेजी गई धनराशि की रिकवरी के आदेश दिए गए हैं। अब ब्लाक स्तर पर अधिकतर मामलों की रिकवरी तो हो चुकी है, लेकिन किसी भी जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है, जबकि अफसरों की मिलीभगत थी।

अभी तक नहीं मिली जांच रिपोर्ट : सीडीओ ने जांच समिति में शामिल चारों अफसरों को 10 दिन में रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। इस समिति को पिछले दो साल में जिले के सभी लाभार्थियों की जांच करनी थी। अब तक जांच रिपोर्ट नहीं आई है।