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LAC भारतीय सेना ने लद्दाख में तैनात किया K9-Vajra,


भारतीय सेना ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास लद्दाख सेक्टर में पहली K9-वज्र (K9-Vajra) स्व-चालित हॉवित्जर रेजिमेंट को तैनात किया है. यह तोप लगभग 50 किमी की दूरी पर दुश्मन के ठिकानों पर हमला कर सकती है. ये तोपें अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भी काम कर सकती हैं. K9-वज्र तोप के प्रदर्शन पर बात करते हुए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बताया कि इसके फील्ड ट्रायल बेहद सफल रहे. हमने अब सेना में एक पूरी रेजिमेंट जोड़ ली है जोकि काफी मददगार होगा.

आर्मी का K-9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी है. इसमें तोप और टैंक दोनों की खूबियां हैं. K-9 वज्र में आर्टिलरी की रेंज और ताकत है, जो 18 किलोमीटर से लेकर 50 किलोमीटर तक दुश्मन का कोई भी ठिकाना तबाह कर सकती है. इसमें टैंक के पावर पैक्ड फीचर भी हैं. K-9 वज्र टैंक की तरह किसी भी तरह के मैदान में तेजी से चल सकता है. K-9 वज्र की बदौलत भारतीय सेना की आर्टिलरी की मारक क्षमता में बढ़ोतरी हुई है. इसे दुनिया के सबसे आधुनिक और हाईटेक सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी में शुमार किया जाता है.

K-9 वज्र टैंक स्व-संचालित है

K-9 वज्र टैंक स्व-संचालित है. यह एक ऑटोमैटिक कैनल बेज्ड आर्टिलरी सिस्टम है, जिसकी कैपिसिटी 40 से 52 किलोमीटर तक है. वहीं, इसका ऑपरेशनल रेंज 480 किलोमीटर है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही इस टैंक के निर्माण के लिए हजीरा में खास फैक्ट्री बनाई गई. सबसे बड़ी बात कि K9 वज्र स्वदेश में निर्मित है. इसे दक्षिण कोरिया की मदद से भारत में ही बनाया गया है. K9-वज्र में मल्टीपल राउंड्स मल्टीनेशनल इफेक्ट (MRSI) मोड में गोले को रखने की क्षमता है. MRVI मोड में K-9 वज्र केवल 15 सेकंड के भीतर तीन गोले दाग सकता है. अधिकतम गोले की क्षमता 104 राउंड फायर की है. इस तोप का वजन 50 टन है और यह 47 किलोग्राम के गोले 50 किलोमीटर की दूरी तक दाग सकती है.