मथुरा। लगातार तीसरी बार भाजपा की टिकट पर लोकसभा के रण में उतरीं दो बार की सांसद हेमा मालिनी इस बार अधिक मजबूती से मैदान में हैं। इसका बड़ा कारण है कि इस बार सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी रालोद साथ है। हाथी इस लोकसभा चुनाव में सबसे अलग चाल चलेगा। साइकिल पर बैठकर कांग्रेस चुनावी वैतरणी पार करना चाहती है, ऐसे में उसे लड़ाई बहुत मजबूती से लड़नी होगी। प्रत्याशी भी ऐसा चुनना होगा, जो सर्वमान्य हो। बीते चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को यहां महज 2.54 प्रतिशत मत ही प्राप्त हुए थे। इस बार वोट प्रतिशत बढ़ाना भी बड़ी चुनौती होगा।
भाजपा ने दो बार की सांसद फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी को इस बार फिर प्रत्याशी बनाया है। बीते चुनाव में उन्होंने निकट प्रतिद्वंद्वी रालोद के कुंवर नरेंद्र सिंह को करीब तीन लाख वोटों से पराजित किया था। तब रालोद का सपा और बसपा से गठबंधन था। कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ी थी। बीते चुनाव में कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता महेश पाठक को चुनाव मैदान में उतारा था। उन्हें महज 28084 मत प्राप्त हुए।
जपा का रालोद से इस बार गठबंधन है, ऐसे में जाहिर है पहले के मुकाबले भाजपा और मजबूत हुई है। भले ही पिछले बार के मुकाबले रालोद के साथ सपा और बसपा नहीं हैं, फिर भी कान्हा की नगरी में रालोद इन दोनों के मुकाबले राजनीतिक रूप से काफी मजबूत मानी जाती है।
बसपा के अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा करने से विपक्ष बिखरा है। दूसरा, कांग्रेस को सपा का साथ है। राजनीतिक रूप से सपा यहां कमजोर रही है। कभी भी कोई बड़ा चुनाव सपा यहां नहीं जीत सकी है। हालांकि कभी कांग्रेस का लोकसभा और विधानसभा चुनाव में डंका बजता था। 2004 में कांग्रेस से ही मानवेंद्र सिंह सांसद बने थे। इसके बाद से कांग्रेस का राजनीतिक ग्राफ यहां कमजोर हुआ है। इस बार फिर महेश पाठक का नाम प्रत्याशी के लिए मजबूती से चल रहा है।
प्रदेश महासचिव मुकेश धनगर का भी नाम भी चर्चा में है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि करीब पौने दो लाख धनगर मतदाता हैं। फिलहाल कांग्रेस में सीट को लेकर अभी मंथन चल रहा है। हालांकि बाहर से बड़े नाम पर भी चर्चा चल रही है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष भगवान सिंह वर्मा कहते हैं कि इस बार कांग्रेस से महेश पाठक प्रत्याशी होंगे, खुद के प्रत्याशी बनने के सवाल पर कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता।
कांग्रेस की लोकसभा चुनाव में स्थिति (मिले मत)
वर्ष 2004- कांग्रेस-187400
वर्ष 2009- कांग्रेस-85418
वर्ष 2014- कांग्रेस ने रालोद को समर्थन दिया था
वर्ष 2019- 28084