- मुंबई, । महाराष्ट्र में नासिक के नजदीक रविवार को शाम करीब सवा तीन बजे डाउन लाइन पर लाहवित और देवलाली के बीच 11061 एलटीटी-जयनगर एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरे गए। ट्रेन हादसे के बाद अफरातफरी मच गई। राहत और बचाव कार्य जारी है। यह जानकारी मध्य रेलवे सीपीआरओ ने दी। हादसे में अभी तक किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है। इधर, ट्रेन हादसे की खबर की जानकारी मिलते ही ट्रेन में सवार यात्रियों के परिजन चिंतित हैं। वहीं, हादसे के बाद घटनस्थल पर भारी भीड़ एकत्र हो गई है। ट्रेन हादसे की जानकारी मिलते ही कई उच्चाधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले भी इस तरह के कई ट्रेन हादसे हो चुके हैं। जनवरी, 2022 में बंगाल में जलपाईगुड़ी के मयनागुड़ी स्थित दोमहनी के पास बीकानेर एक्सप्रेस की 12 बोगियां बेपटरी हो गई थीं। हादसे में चार से पांच बोगी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं। हादसे में सात यात्रियों की मौत हुई थी। बंगाल में मई 2010 में हावड़ा- मुंबई ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस की राज्य के जंगलमहल क्षेत्र में झाड़ग्राम के सरडीहा में सामने से आ रही मालगाड़ी से टक्कर हो गई थी। इसके बाद एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में 148 यात्रियों की मौत हो गई थी। साथ ही, लगभग 200 यात्री घायल भी हो गए थे। यह भी आरोप लगा था कि माओवादियों द्वारा जानबूझकर रेल पटरियों को नुकसान पहुंचाए जाने के कारण यह दुर्घटना हुई, क्योंकि जहां यह हादसा हुआ था, वह इलाका उस वक्त माओवादी हिंसा की चपेट में था। ज्ञानेश्वरी ट्रेन हादसे के बाद 19 जुलाई, 2010 को बीरभूम जिले के सैंथिया में भी बड़ा रेल हादसा हो गया था। यहां उत्तर बंग एक्सप्रेस ने रांची जा रही वनांचल एक्सप्रेस में पीछे से टक्कर मार दी थी। हादसे में 63 यात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि करीब 150 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस दुर्घटना का कारण कथित रूप से सिग्नल का उल्लंघन बताया गया था। उस समय ममता बनर्जी ही रेल मंत्री थीं।