अदालत ने शिवसेना नेता की ईडी हिरासत अवधि आठ अगस्त तक बढ़ाई
संजय राउत को 31 जुलाई की रात गिरफ्तार किया गया था और अदालत ने उन्हें चार अगस्त तक के लिए ईडी की हिरासत में भेजा था। गुरुवार को ईडी ने उन्हें अपनी हिरासत में 10 अगस्त तक रखने का आवेदन विशेष पीएमएलए अदालत के सामने दिया। ईडी की ओर से प्रस्तुत विशेष सरकारी अधिवक्ता हितेन वेनेगांवकर ने अदालत को बताया कि अब तक की जांच में पता चला है कि राउत ने अलीबाग में भूखंडों की खरीद के लिए भूखंड मालिकों को बड़े पैमाने पर नकद राशि भी दी थी। यह राशि 1.17 करोड़ होने का अनुमान है। यह राशि राउत और उनकी पत्नी के खातों में सीधे ट्रांसफर हुए 1.06 करोड़ से अलग है। वेनेगांवकर ने संजय राउत पर जांच के दौरान टाल-मटोल का रवैया अख्तियार करने का आरोप लगाया और कहा कि उनके द्वारा किए गए लेनदेन अलग-अलग तारीखों में हुए हैं, इसलिए उनका विवरण जुटाने में समय लग रहा है। इस काम में कुछ दिन और लग सकते हैं। इसलिए उन्हें 10 अगस्त तक ईडी हिरासत में रखने की अनुमति दी जानी चाहिए।
कहा-जांच में हुई उल्लेखनीय प्रगति, त्रिस्तरीय जांच में लगता है समय
विशेष पीएमएलए अदालत के जज एमजी देशपांडे ने अब तक की जांच से संतुष्टि जताते हुए कहा कि जांच में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, निश्चित रूप से त्रिस्तरीय जांच में समय लगता है। ईडी द्वारा लगाए गए आरोपों में कुछ और राशि पाए जाने पर आगे की जांच भी आवश्यक है। गवाहों को बुलाकर उनका आरोपित से सामना करवाने में भी समय लग सकता है। लेकिन मेरा मानना है कि यह काम आठ अगस्त तक पूरा हो जाना चाहिए। इसलिए आरोपित को आठ अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेजा जा रहा है। संजय राउत के वकील मनोज मोहिते ने हिरासत बढ़ाए जाने का यह कहकर विरोध किया था कि ईडी द्वारा एक ही आरोप बार-बार दोहराए जा रहे हैं। ये सारे आरोप राजनीति के तहत लगाए जा रहे हैं। राउत द्वारा किए जा रहे सभी लेनदेन का विवरण उनके द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए शपथपत्र में भी दिया जा चुका है इसलिए ईडी की हिरासत बढ़ाने की जरूरत नहीं है।
अदालत से कहा, मुझे बिना खिड़की वाले कमरे में रखा
अदालत ने जब संजय राउत से पूछा कि क्या आपको ईडी से कुछ शिकायत है, तो उन्होंने ईडी पर कुछ गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने अदालत को बताया कि उन्हें हिरासत के दौरान ऐसे कमरे में रखा गया है, जिसमें कोई खिड़की नहीं है। मैं हृदयरोगी हूं, वहां मुझे सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसा वहां हवा का आवागमन नहीं होने के कारण हो रहा है। उन्हें जहां रात में रखा जाता है, वहां सिर्फ एक पंखा लगा है। कोर्ट ने इस संबंध में जब ईडी से सवाल किया तो जांच एजेंसी ने बताया कि राउत के कमरे में एसी लगा है। इस पर अदालत ने जब पुन: राउत से पूछा कि क्या वहां एसी लगा है, तो राउत ने जवाब दिया कि मैंने नहीं देखा। उन्होंने कहा कि मैं एसी नहीं चलाता हूं क्योंकि मुझे सांस लेने में दिक्कत होती है। अंत में कोर्ट ने ईडी से पूछा कि क्या इन्हें कोई ऐसा कमरा मिल सकता है, जहां वेंटीलेशन ठीकठाक हो?