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Mahashivratri महाशिवरात्रि पूजन में अगर कर लिया इन 10 फूलों का प्रयोग तो बदल जाएगी आपकी किस्मत


आगरा, । मेरा भोला है भंडारी, करे नंदी की सवारी…महादेव की प्रिय महाशिवरात्रि। संसार की सभी रात्रियों में सबसे भव्य रात्रि, सबसे महत्वपूर्ण रात्रि। महाशिवरात्रि पर पूजन शिव की आराधना में सबसे महत्वपूर्ण है। यदि इस दिन महादेव को आपने प्रसन्न कर लिया तो समझो अपना जीवन सफल कर लिया। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार 1 मार्च को महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। यूं तो भोलेनाथ बहुत भाेले हैं। उन्हें सहज और सरल भक्ति ही पसंद है लेकिन यदि कुछ विशेष पौधाें के फूलों द्वारा उनकी पूजा की जाए तो वो अपने भक्त की इच्छित कामना को पूरा करने में देर नहीं लगाते हैं।

ये हैं वो 10 विशेष फूल

1- शमी के फूल

शमी के फूल को शिवलिंग पर अर्पित करने से जहां घर में अपार धन-संपदा का आशीर्वाद मिलता है, वहीं शमी का वृक्ष लगाने से शनि से जुड़े सभी दोषों से मुक्ति मिल जाती है।

2-बेला का फूल

यदि आप अविवाहित हैं और किसी सुदंर जीवनसाथी की तलाश में हैं, तो अब आपका यह इंतजार जल्द ही खत्म हो सकता है। आपकी यह मनोकामना भगवान शिव के आशीर्वाद से पूरी हो सकती है। भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय बेला के फूल अर्पण करें। इस पुष्प के साथ भगवान शिव की साधना-आराधना से आपको जीवन में सुंदर व योग्य जीवनसाथी की अवश्य प्राप्ति होगी।

3-अलसी के फूल

भगवान शिव की साधना में अलसी के फूल का विशेष महत्व है। महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर इसे विशेष रूप से चढ़ाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस फूल को शिव पर अर्पित करने पर मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है।

4-मदार के फूल

लाल व सफेद आंकड़े के फूल भगवान शिव की पूजा में विशेष रूप से चढ़ाए जाते हैं। इस पौधे को मदार भी कहते हैं। आंकड़े के पुष्प को लेकर मान्यता है कि भगवान शिव को इसे अर्पित करने से वह शीघ्र प्रसन्न होते हैं। शिव पूजा में इस पुष्प के प्रयोग करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। वास्तु की दृष्टि से भी यह पौधा सुख-समृद्धि का कारक होता है।

5-कनेर के फूल

कनेर का पुष्प भगवान शिव ही नहीं तमाम देवी-देवताओं को अत्यंत प्रिय है। दैविक दृष्टि से इस को भगवान शिव का सबसे प्रिय फूल बताया गया है। मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा में इस फूल को चढ़ाने पर मनुष्य को मनचाहा धन लाभ प्राप्त होता है।

6- अगस्‍त्‍य फूल

मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर यदि कोई व्यक्ति अगस्त्य फूल के साथ भगवान शिव की उपसना करता है तो समाज में उसके मान-सम्मान और यश में वृद्धि होती है। अगस्त्य के पेड़ को अलग-अलग स्थानों पर लोग हथिया, मुनिवृक्ष, वंगसेन आदि नामों से जानते हैं। मान्यता है कि इसी पुष्प के वृक्ष के नीचे अगस्त्य मुनि ने बैठकर तपस्या की थी। इसीलिए यह इसे अगस्त्य कहा गया।

7-हरसिंगार के फूल

भगवान शिव की पूजा में हरसिंगार के फूल का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। हरसिंगार के फूलों को पारिजात या शिउली का फूल भी कहते है। यह फूल सफेद रंग का होता है और इसमें एक नारंगी रंग की डंडी होती है। रात में खिलने वाले इस फूल को महादेव पर अर्पित करने से साधक के सुख एवं वैभव में वृद्धि होती है।

8-धतूरे का फल

धतूरा भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। शिव की पूजा में इसके फल और फूल को विशेष रूप से चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि जो दंपत्ति पावन शिवरात्रि पर इस धतूरे के फूल के साथ भगवान शिव की पूजा करते है, उन्हें शिव कृपा से जल्द ही संतान सुख की प्राप्ति होती है।

9-जूही के फूल

यदि दु:ख-दारिद्रय को दूर करना है तो इस महाशिवरात्रि पर जूही के फूल से भगवान शिव की पूजा करना न भूलें। इस फूल से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने पर घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती। भगवान शिव के आशीर्वाद से दरिद्रता आपके घर से कोसों दूर रहती है।

10- चमेली के फूल

भगवान शिव को चमेली का फूल बहुत प्रिय है। वेदों में जिक्र आता है कि चमेली के फूल से शिवलिंग की पूजा करने पर मनुष्य के जीवन में सकारात्मकता ऊर्जा और वाहन सुख की प्राप्ति होती है।