नई दिल्ली, | Mahashivratri 2023: हिन्दू धर्म में द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आज महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के इन 12 ज्योतिर्लिंग की उपासना करने से साधकों को विशेष लाभ मिलता है और कष्ट व दुखों से मुक्ति मिल जाती है। बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी द्वादश ज्योतिर्लिंग का संबंध सभी 12 राशियों से है। आइए जानते हैं-
द्वादश ज्योतिर्लिंग का 12 राशियों से संबंध (Mahashivratri 2023 Dwadash Jyotirlinga)
मेष राशि: मेष राशि का सीधा संबंध रामेश्वर ज्योतिर्लिंग से है। इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना सुर्यवंश के प्रतापी राजा भगवान श्री राम द्वारा की गई थी।
वृषभ राशि: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृषभ राशि का संबंध सोमनाथ ज्योतिर्लिंग से है। चंद्र देव वृषभ राशि के स्वामी हैं और चंद्र को सोम के नाम से भी जाना जाता है।
मिथुन राशि: मिथुन राशि का संबंध नागेश्वर ज्योतिर्लिंग से है। इस राशि में राहु को उच्च माना गया है, जिससे शक्ति, पराक्रम और रहस्य की बढ़ोतरी होती है।
कर्क राशि: ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि कर्क राशि का संबंध नर्मदा नदी पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग से है। बृहस्पति इस राशि के स्वामी हैं, जो ज्ञान, सौभाग्य और आयु के दाता हैं।
सिंह राशि: सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं और इस राशि का सीधा संबंध धुशनेश्वर ज्योतिर्लिंग से है। मान्यता है इनकी आराधना करें से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
कन्या राशि: कन्या राशि का सीधा संबंध आंध्र प्रदेश के मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग से हैं। इस राशि के स्वामी, वाणी और बुद्धि के दाता बुध हैं।
तुला राशि: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुला राशि का संबंध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग से है, जो उज्जैन में स्थित है। तुला को शनि देव का स्थान माना जाता है। जिनसे ज्ञान, न्याय और वैराग्य की प्राप्ति होती है।
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि का संबंद बाबाधाम में स्थित बाबा वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग से है। जिनके आशीर्वाद से साधक को शारीरिक और मानसिक पीड़ाओं से मुक्ति मिल जाती है।
धनु राशि: धनु राशि का सीधा संबंध बाबा विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग से है, जिनके दर्शन से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही यह केतु का उच्च स्थान भी बताया गया है।
मकर राशि: ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि मकर राशि के जातकों का संबंध भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग से है। इस राशि के स्वामी मंगल हैं, जिन्हें शौर्य, निडर और पराक्रम का कारक माना जाता है।
कुंभ राशि: कुंभ राशि का संबंध केदारनाथ ज्योतिर्लिंग से है, जो हिमालय की गोद में बसा हुआ है। यहां आकर भगवान शिव के दर्शन करने से सभी दुःख दूर हो जाते हैं।
मीन राशि: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग का संबध मीन राशि से है, जिसे शुक्र का स्थान माना जाता है। मान्यता है कि इस ज्योत्र्लिंग के दर्शन करने से साधक को मोक्ष प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।