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MBA पास सुबोध ने पराली जलाने की बजाय बेचकर कमा कर रहे मुनाफा


नई दिल्ली । सर्दियों के मौसम में हर साल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। इसके लिए पराली जलाने को भी जिम्मेदार माना जाता है। इससे पर्यावरण के साथ-साथ मिट्टी को भी नुकसान पहुंचता है। ऐसे में दिल्ली के किसान और कृषि विशेषज्ञ सुबोध तेवतिया पराली नाम की इस परेशानी को खत्म करने के लिए कार्य कर रहे हैं। वह दिल्ली ही नहीं, बल्कि हरियाणा, पंजाब और कई अन्य राज्य के किसानों को भी पराली न जलाने के लिए जागरूक कर रहे हैं। साथ ही किसानों को पराली से कंपोस्ट खाद बनाने का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।

शुरू में समझाने में मुश्किल आई, अब जानकारी लेने आते हैं किसान

करीब 19 वर्षो से कृषि से जुड़े सुबोध बेंगलुरु, हैदराबाद और मुंबई के गांवों के किसानों को भी पराली से कंपोस्ट बनाने व जैविक खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि तीन साल पहले जब शुरुआत की तो किसानों को समझाने में मुश्किल आई, लेकिन अब किसान जागरूक होने लगे हैं।

रिसर्च के बाद यह समझ आ गया कि पराली से खाद बनाई जा सकती है। फिर आसपास के किसानों से भी पराली खरीदना शुरू कर दिया और इतने समय में करीब एक हजार मीटिक टन खाद बनाने में सफलता मिली। इसमें करीब 500 एकड़ क्षेत्र कवर होता है। पल्ला में बने कंपोस्ट यूनिट से किसान खाद बनाने के बारे में जानकारी लेते हैं। दिल्ली के पल्ला, बख्तावरपुर, ताजपुर, तिगीपुर, हरियाणा के मनहोली, झंगोला सहित करीब 12 गांवों के किसानों इससे जुड़े हैं।