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Muzaffarnagar : बच्चे की पिटाई पर शिक्षिका की सफाई, वीडियो में गलत तथ्य, छात्र की हुई काउंसलिंग


मुजफ्फरनगर, । यूपी के मुजफ्फरनगर में मंसूरपुर के नेहा पब्लिक स्कूल में एक बालक की दूसरे बालक से पिटाई करने के मामले में स्वजन की तहरीर पर शिक्षिका तृप्ता त्यागी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। वहीं पीड़ित छात्र के घर पहुंचकर बाल कल्याण समिति की टीम ने स्वजन व छात्र की काउंसलिंग की। पूरे मामले को लेकर पूछताछ करने के बाद स्वजन से अपील की गई बच्चे की पढ़ाई प्रभावित नहीं होनी चाहिए।

डीएम बोले, केस हुआ दर्ज

डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगाली ने बताया, पहले स्वजन कोई कार्रवाई नहीं चाहते थे, लेकिन मामला इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने पर उनकी ओर से मंसूरपुर थाने में तहरीर दी गई है। जिसके चलते मुकदमा दर्ज किया गया है। बाल कल्याण समिति की टीम को छात्र के घर काउंसलिंग के लिए भेजा गया है। इसके साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। प्रशासन ने इस मामले में पीड़ित समेत किसी भी छात्र का नाम इंटरनेट मीडिया पर वायरल न करने की अपील की है। ऐसा करने पर करवाई की चेतावनी दी गई है।

 

सहपाठियों से पिटवाना बना अंतरराष्ट्रीय मुद्दा, खाड़ी देशों से भी ट्वीट

मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव खुब्बापुर में मुस्लिम छात्र को उसके सहपाठियों से पिटवाने का मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छा गया। इंटरनेट मीडिया पर भारत समेत खाड़ी देशों से भी इस मुद्दे पर ट्वीट किए जा रहे हैं। डा. रवि शंकर ने बताया कि वीडियो की गहनता से जांच पड़ताल की जा रही है। वहीं इस मामले में कांग्रेस नेत्री प्रियंका वाड्रा, ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिम पार्टी के चीफ असदुद्दीन ओवैसी, के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी, रालोद प्रमुख जयंत चौधरी समेत खाड़ी देश से अल जजीरा ने भी मुद्दे को ट्वीट किया है। इसको लेकर पुलिस प्रशासन की चुनौती बढ़ गई है। मामला इंटरनेशनल स्तर पर पहुंचने के बाद पुलिस एक-एक बिंदु की पड़ताल कर रही है।

शिक्षिका बोली गलत तथ्यों के साथ प्रसारित की वीडियो

खुब्बापुर की शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने अपना वीडियो बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा, कि मेरा इरादा किसी की धार्मिक और सामाजिक भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था। वीडियो छेड़छाड़ के बाद प्रसारित किया गया है। वह दिव्यांग है, बच्चों को कंट्रोल करने के लिए यह कदम उठाया था। मेरी गलती है, कि छात्र को उसके सहपाठियों से नहीं पिटवाना चाहिए था। उन्होंने कहा था, कि मुस्लिम समाज की महिलाएं अपने बच्चों को लेकर मामा नाना के घर चली जाती हैं। जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है। आगामी समय परीक्षा का है ऐसे में बच्चे पढ़ाई से दूर रहे तो परीक्षा नहीं दे पाएंगे। वीडियो प्रसारित करने वाले ने मुस्लिम समाज को उकसाने के लिए इससे छेड़छाड़ कर प्रसारित की है।