पटना। : बिहार की सियासत नए साल में नए-नए रंग दिखा रही है। पहले नीतीश कुमार के नाराज होने की अटकलें लग रही थीं। इसके बाद लोकसभा चुनाव की सीट शेयरिंग और आईएनडीआईए के घटक दलों के नेताओं की बयानबाजी का सिलसिला बढ़ा।
इसके बाद नीतीश को संयोजक बनाने को लेकर बयानबाजी हुई और एक बार फिर नाराजगी की अटकलें लगने लगीं। इस बीच मकर संक्रांति पर राबड़ी आवास पर लालू-नीतीश की मुलाकात दही-चूड़ा भोज पर मुलाकात हुई।
इस बीच जदयू और राजद के नेताओं की ओर से दिए जा रहे सियासी बयानों से आईएनडीआईए में खटपट की अटकलों को फिर बल मिलने लगा।
हालांकि, जदयू, राजद, कांग्रेस इन सभी के शीर्ष नेताओं ने अब तक महागठबंधन को एकजुट ही बताया है। बहरहाल, बिहार के ताजा बदलते घटनाक्रम के कारण सियासी अटकलें एक बार फिर तेज हुई हैं। आइए जानते हैं वहां क्या कुछ चल रहा है…
नीतीश से लालू-तेजस्वी की मुलाकात
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद (Lalu Yadav) और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने शुक्रवार की सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मुलाकात की है। यह मुलाकात सीएम आवास पर हुई। लालू यादव और तेजस्वी यादव एक साथ मुलाकात करने पहुंचे तो सियासी कयास लगने भी शुरू हो गए।
हालांकि, करीब 45 मिनट बाद लालू-तेजस्वी ने बयान दिया कि यह एक सामान्य मुलाकात थी। महागठबंधन में सबकुछ ठीक है। इस दौरान बहरहाल, इसे लेकर सियासी कयासबाजी जारी है। इस मुलाकात के बारे और भी कुछ जानकारी खुद तेजस्वी यादव ने मीडिया से साझा की।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव।
भाजपा की विधायक दल की बैठक
बिहार की राजनीति गरमाई हुई है। राज्य में बड़े सियासी उलट-फेर की संभावना के बीच शुक्रवार को भाजपा ने विधान मंडल दल की बैठक बुला ली। इसे लेकर राजनीतिक अटकलें तेज हो गईं। भाजपा विधान मंडल दल की यह बैठक पार्टी के नेता विजय सिन्हा के आवास पर हुई है। अपने विधायकों से नियमित रूप से मिल रहे नीतीश
इधर, सियासी गलियारों से छनकर सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों अपने विधायकों से अलग-अलग नियमित रूप से मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री से मुलाकात कर लौटने वाले विधायकों ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा था।
सियासी गलियारे में यह चर्चा भी तेजी से फैली कि जदयू ने अपने विधायकों को पटना में रहने का निर्देश दिया है पर जदयू के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि इस तरह का कोई निर्देश नहीं मिला है।
अमित शाह की साक्षात्कार के बाद बढ़ी सियासी हलचल
एक अखबार को दिए इंटरव्यू में जब अमित शाह से पूछा गया कि पुराने साथी जो छोड़कर गए हैं नीतीश कुमार आदि अगर वापस आना चाहेंगे तो क्या उनके लिए रास्ते खुले हैं? इसके जवाब में अमित शाह ने कहा कि जो और तो से राजनीति में बात नहीं होती है। किसी का प्रस्ताव होगा तो विचार किया जाएगा। शाह के इस बयान के बाद प्रदेश में सियासी हलचल बढ़ गई है।
मकर संक्रांति पर लालू के घर जुटे थे दिग्गज, नहीं हो पाई बात
बता दें कि अभी चार दिन पहले ही मकर संक्रांति के मौके पर नीतीश कुमार ने राबड़ी आवास पहुंचकर लालू यादव-तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। इस दौरान जो तस्वीरें सामने आईं, उनके भी अलग-अलग मायने निकाले गए थे
अशोक चौधरी और भाई वीरेंद्र के बयान से खटपट के संकेत
इसके बाद राजद नेता भाई वीरेंद्र और नीतीश कुमार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के बयानों ने सियासी पारा बढ़ाया है। भाई वीरेंद्र ने कहा था कि लालू यादव के आशीर्वाद से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। इस पर चौधरी ने जमकर पलटवार किया। ऐसे में सियासी गलियारों में इसे राजद-जदयू के बीच छिड़ी जुबानी जंग के तौर पर देखा गया।
मांझी नहीं करेंगे नीतीश का विरोध
बिहार में चल रही सियासी अटकलों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी गुरुवार को एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यदि नीतीश राजग में आते हैं तो हम विरोध नहीं करेंगे। मांझी ने अपने इस बयान कई बातें कहीं जिनके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।