नई दिल्ली, इमरान खान ने पंजाब प्रांत में लगातार पिछले दो दिनों में एक के बाद एक गंभीर राजनीतिक झटके दिए हैं। जिसको मद्देनजर रखते हुए पीएमएल-एन के शीर्ष नेता नवाज शरीफ और मरियम शरीफ बहुत देर होने से पहले लंदन से पाकिस्तान वापस आने पर विचार कर रहे हैं। बताते चलें कि इमरान खान के किसी भी झटके से पहले मरियम शरीफ फरवरी के मध्य में लंदन से पाकिस्तान आने की तैयारी में थीं। हालांकि, पार्टी में कुछ लोगों का मानना है कि पहले ही बहुत देर हो चुकी है और अब बहुत कुछ नहीं किया जा सकता है। पीएमएल-एन को पिछले साल की शुरुआत में इमरान खान सरकार को हटाने और सत्ता में आने के अपने फैसले के कारण बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। नवाज-लीग का एक दुर्भाग्य यह भी है कि शहबाज शरीफ की अगुवाई वाली पीडीएम सरकार भी प्रदर्शन नहीं कर रही है।
बढ़ती जा रही है पीएमएलएन की अलोकप्रियता
बिगड़ती आर्थिक स्थिति और मूल्य वृद्धि जैसे मुद्दे की वजह से पार्टी की अलोकप्रियता बढ़ रही है। पीएमएलएन के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हमने सोचा था कि हमारे सुशासन और आर्थिक बदलाव के माध्यम से पीएमएलएन को अपनी लोकप्रियता वापस मिल जाएगी। मगर, यह मुख्य रूप से बढ़ती वित्तीय चुनौतियों और मूल्य वृद्धि के कारण अलोकप्रियता बढ़ती जा रही है।”
बढ़ती जा रही है पीटीआई की लोकप्रियता
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के सूत्र मानते हैं कि इमरान खान सरकार को हटाने के बाद से पीएमएल-एन की लोकप्रियता में गिरावट आई है। वहीं, पीटीआई की लोकप्रियता ऊपर की ओर बढ़ती जा रही है। कहा जाता है कि पिछले दो दिन पीएमएल-एन और उसके शीर्ष नेतृत्व के लिए चौंकाने वाले थे। जिसमें कैसे इमरान खान और परवेज इलाही ने राजनीतिक रूप से नवाज शरीफ को पछाड़ दिया और उनकी पार्टी का आगे बढ़ना पीएमएलएन के लिए एक कड़वे आश्चर्य के रूप में सामने आई।
लंदन में मरियम और नवाज को मिले दो बड़े झटके
नवाज और मरियम दोनों ही लंदन में हैं। उनको आश्वासन दिया गया था कि न तो परवेज इलाही के पास विश्वास मत प्राप्त करने के लिए बहुमत है और न ही प्रांतीय विधानसभा के विघटन का कोई मौका है। मगर, इमरान खान दोनों मामलों में सफल रहे। लंदन में पीएमएल-एन शीर्ष नेतृत्व परवेज इलाही द्वारा विश्वास हासिल करने के झटके से उबरा भी नहीं था। अगले ही दिन एक और झटका लगा, जब पंजाब विधानसभा को भंग करने की सलाह के पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए गए।