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Pfizer ने जताई तीसरे डोज की संभावना, कहा- हर साल लेनी पड़ सकती है वैक्सीन


वॉशिंगटन. कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया में जारी वैक्सीन कार्यक्रम के बीच फाइजर के सीईओ एल्बर्ट बॉर्ला का बड़ा बयान आया है. उन्होंने संभावना जताई है कि लोगों को पूरी तरह से वैक्सीन लगाए जाने के लिए फाइजर और बायोएनटेक के तीसरे डोज की जरूरत पड़ सकती है. हालांकि, उन्होंने यह साफ किया है कि इन सभी बातों की पुष्टि होना अभी बाकी है. फाइजर को अमेरिका, बहरीन समेत कई देशों ने अनुमति दी है.

गुरुवार को बॉर्ला ने कहा कि लोगों को पूरी तरह से टीका लगाने के लिए 12 महीनों के भीतर तीसरे डोज की भी जरूरत पड़ सकती है. उन्होंने इस बात की भी संभावना जताई है कि कोरोना वायरस के खिलाफ लोगों को सालाना वैक्सीन लगवाने की जरूरत पड़ सकती है. सीएनबीसी को दिए साक्षातकार में उन्होंने कहा ‘हमें यह देखने की जरूरत है कि सीक्वेंस किया होगी और हमें यह कितनी बार करने की जरूरत होगी. अभी यह देखना बाकी है.’

वैक्सीन निर्माता कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कहा ‘संभावित परिद्रश्य यह है कि कही 6 से 12 महीनों के बीच तीसरे डोज की जरूरत पड़ सकती है. सालाना टीकाकरण भी होगा, लेकिन अभी इस बात की पुष्टि की जानी है.’ उन्होंने कहा ‘वैरिएंट्स अहम भूमिका निभाएंगे.’ कोरोना वायरस कई बार अपना रूप बदल चुका है. ऐसे में जानकार सवाल उठाने लगे थे कि मौजूदा वैक्सीन नए वैरिएंट्स पर असरदार होंगी या नहीं. हालांकि, कई निर्माताओं ने दावा किया था कि वैक्सीन वायरस के नए रूप पर असरदार हैं.
फाइजर ने इस महीने कहा था कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षा देने में 91 प्रतिशत ज्यादा असरदार है. साथ ही वैक्सीन दूसरे डोज के बाद 6 महीनों तक गंभीर मामलों में 95 फीसदी तक असरदार है. कंपनी की तरफ से जारी डेटा 12 हजार से ज्यादा वैक्सीन प्राप्त उम्मीदवारों से मिली जानकारी पर आधारित था. फिलहाल कई शोधकर्ता इस बात की जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं कि एक बार पूरी तरह वैक्सीन लगाए जाने के बाद वायरस से कितने समय तक सुरक्षा मिल सकती है.