चंडीगढ़, । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तीनों केंद्रीय कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद पंजाब में राजनीतिक समीकरण बदलेंगे। अब तक राज्य में किसानों के विरोध का सामना कर रही भारतीय जनता पार्टी को बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ ही पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भी सियासी समीकरण बदलेंगे। किसान आंदोलन के सहारे सियासत कर रही पार्टियों को बड़ा झटका लगा है। इसके साथ ही राज्य की सियासत में पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंंह और भाजपा की जुगलबंदी सामने आने से कांग्रेस व शिअद के लिए बड़ी चुनौती पैदा होगी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही कह चुके हैं कि केंद्रीय कृषि कानूनों का मसला खत्म होने के बाद वह भाजपा के साथ गठबंंधन करने की बात कह चुके हैं। कैप्टन ने अपनी नई पार्टी पंजाब लाेक कांग्रेस बनाने की घोषणा कर चुके हैं और अब वह भाजपा के साथ गठबंधन करेंगे। भाजपा ने भी कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए अपने दरवाजे खुले रहने की बात कही थी।
कृषि कानूनों की वापसी से भाजपा के लिए पंंजाब के गांव के दरवाजे खुलेंगे और इससे पंजाब की राजनीति में हाशिये पर चल रही भाजपा को ताकत मिलेगी। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह का खासा जनाधार है और इसका लाभ भी भाजपा को हो सकता हैै। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कैप्टन अमरिंदर का साथ मिलने से भाजपा को पंजाब के साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी फायदा हो सकता है।