नई दिल्ली। हर क्षेत्र में बढ़ती भूमिका के बावजूद अभी भी समाज में महिलाओं को कमतर समझा जाता है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि देश को सच्चे अर्थों में विकसित बनाना है तो महिलाओं पर और ज्यादा भरोसा पैदा करना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा… पिछले सालों के अनुभव से कहता हूं, महिलाओं ने जितना योगदान पिछले 75 वर्षों में दिया है, आने वाले 25 वर्षों में उससे कई गुना ज्यादा योगदान करने वाली हैं, वे हमारे मानदंड से ज्यादा हैं।
प्रधानमंत्री मोदी यूं तो अक्सर महिलाओं के योगदान की बात करते हैं लेकिन लालकिले की प्राचीर से जिस तरह उन्होंने देश से अपील के स्वर में महिलाओं को आगे बढ़ाने की बात की वह भविष्य का संकेत भी है और संभवत: राजनीति में भी होने वाले परिवर्तन की झलक भी हो सकती है। इसका राजनीतिक निहितार्थ भी निकाला जा रहा है।
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत का श्रेय उन्होंने महिलाओं को दिया था। उन राज्यों में महिलाओं का वोट प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले ज्यादा था। राष्ट्रपति के रूप में भाजपा ने आदिवासी महिला को यह स्थान दिया। एक दिन पहले ही नव निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी महिलाओं की भूमिका की बात की थी।
अब प्रधानमंत्री ने यह भरोसा जताया कि अगले 25 वर्षों में भारत को विकसित बनना है तो वह महिलाओं को प्राथमिकता देकर ही हो पाएगा। अटकल लगाई जा रही है कि आने वाले दिनों में सरकार महिला आरक्षण को लेकर भी कदम बढ़ाएगी। लेकिन उसके लिए दूसरे दलों को भी साथ खड़ा होना होगा। संविधान संशोधन का मुद्दा होने के कारण इसके लिए दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।
फिलहाल राजग के धड़े में तो इसका विरोध नहीं है लेकिन विरोधी पक्ष में कुछ क्षेत्रीय दल हैं जो इसके खिलाफ हैं और पिछले अवसरों पर अवरोध खड़ा कर उनकी ओर से इसे अटकाया गया था। पिछले कुछ वर्षों में भाजपा की चुनावी जीत में उज्ज्वला जैसी योजना का खासतौर से उल्लेख होता रहा है जो महिलाओं पर केंद्रित रही हैं।
बहरहाल, सोमवार को प्रधानमंत्री ने महिलाओं के योगदान पर लंबी बात की। उन्होंने कहा कि आज अदालत से लेकर ग्रामीण क्षेत्र मे प्रतिनिधि के रूप में, ज्ञान से लेकर विज्ञान तक के क्षेत्र में नारीशक्ति सिरमौर नजर आ रही हैं। खेलकूद के मैदान में भी वह नए सामर्थ्य, नए विश्वास के साथ आगे आ रही हैं।
हम बेटियों को जितना ज्यादा अवसर देंगे, सुविधाएं बेटियों के लिए केंद्रित करेंगे वह बहुत कुछ लौटाकर करके देंगी। अमृत काल के सपने को पूरा करने में जो मेहनत लगने वाली है अगर उसमें हमारी नारी शक्ति की मेहनत जुड़ जाएगीतो लक्ष्य समय से पहले पूरा हो सकता है।