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Project Cheetah: 15 दिन से 3 डाक्टर, 50 कर्मचारी और 2 हाथी नहीं पकड़ पा रहे तेंदुआ, 17 को पीएम मोदी छोड़ेंगे चीते


भोपाल, । मध्‍य प्रदेश के कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (Kuno Palpur National Park) में चीते के बाड़े में घुसे तेंदुए को हटाने में वन अधिकारियों और विशेषज्ञों का लंबा अनुभव भी काम नहीं कर पा रहा है। पांच तेंदुए डेढ़ माह पहले बाड़े में घुसे थे। इससे पहले कि वे सभी को बाहर निकाल पाते, तीन और आ गए।

इनमें से सात तेंदुओं को एक-एक करके हटाया जा चुका है, लेकिन एक तेंदुआ बाहर निकलने को तैयार नहीं है, उसने विशेषज्ञों, अधिकारियों और कर्मचारियों की नाक में दम कर रखा है। इसे बाहर निकालने के लिए बीते 15 दिनों से तीन डाक्टर, 50 से अधिक कर्मचारी दो हाथियों के साथ बाड़े में घूम रहे हैं।

लेकिन तेंदुआ नहीं मिला। अब अगले दो-चार दिन में अधिकारियों पर इसे हटाने का दबाव है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narender Modi) 17 सितंबर को अपने जन्‍मदिन पर इस बाड़े में तेंदुए को छोड़ेंगे।

तीन डाक्‍टर भी तैनात

पिछले महीने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के महानिदेशक, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के अधिकारियों ने पार्क का दौरा किया था। उस समय तेंदुओं को तुरंत बाड़े से हटाने के निर्देश दिए गए थे। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से भी इसके लिए दो हाथियों को बुलाया गया, तीन डाक्टर भी तैनात किए गए।

पांच वाच टावर से लगातार मानिटरिंग की जा रही है। ट्रैप कैमरों और सीसीटीवी कैमरों की मदद से तेंदुए का पता लगाया जा रहा है। वह कैमरों में कैद हो जाता है, लेकिन जब तक टीम मौके पर पहुंचती तब तक वह खो गया।

जारी है लुका-छिपी का खेल

ये लुका-छिपी का खेल लगातार जारी है। बाड़े में सीढ़ी जैसी संरचना तैयार की गई है। अधिकारियों को अंदेशा था कि हाका देकर तेंदुआ भगाएंगे तो वो बाड़े से बाहर कूद जाएगा। इसी तरीके से दो तेंदुओं को निकाला गया था, लेकिन ये अंतिक तेंदुआ निकलने को तैयार नहीं।

मध्‍य प्रदेश के मुख्‍य वन्‍यप्राणी अभिरक्षक जेएस चौहान का कहना है कि एक तेंदुआ बाड़े में है उसे बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है जल्‍द ही इस कार्य में हमें सफलता मिलेगी।

जानें क्‍या है पूरा मामला 

गौरतलब है कि 17 सितंबर को श्योपुर के कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया (Namibia) से आठ चीते आ रहे हैं। चीतों को देखने के लिए दक्षिण अफ्रीका भी तैयार है। इसके लिए हाल ही में वहां की टीम ने पार्क देखकर संतोष जताया था। वर्तमान में कुनो अभयारण्य में नामीबिया से इन चीतों के लिए पांच वर्ग किलोमीटर का एक विशेष घेरा बनाया गया है।

दक्षिण अफ्रीका की सरकार और वन्यजीव विशेषज्ञ भी इस पर नजर रखेंगे। दक्षिण अफ्रीका से आने वाले हर तेंदुए के गले में सैटेलाइट कालर आईडी लगा होगा। चीतों में किसी तरह का कोई संक्रमण न हो इसके लिए गांवों के अन्‍य मवेशियों का भी टीकाकरण किया गया है।

इतनी कवायद के बाद जब बाड़े में रहने वाले चीतों की निगरानी की बात आती है तो इसके लिए सैटेलाइट कालर आईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है। कालर आईडी को मेल के जरिए जोड़ा जाएगा।