तरनतारन: विधानसभा हलका खडूर साहिब से बेटे गुरसंत उपदेश सिंह गिल को टिकट दिलाने में विफल रहे कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह डिंपा चुनावी नतीजों के बाद सियासी धमाका कर सकते हैं। हालांकि चुनाव प्रक्रिया के दौरान डिंपा ने अपने भाई राजन गिल को शिअद ज्वाइन करवाकर पहले कांग्रेस से बगावत करने के संकेत दिए हैं। डिंपा लगातार पार्टी हाईकमान के विरुद्ध ट्वीट भी कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई है। इस बीच वह अन्य दलों के साथ राजनीतिक दाव पेच लगाने में जुटे हैं।
2019 में खडूर साहिब लोकसभा हलके से एक लाख 40 हजार मतों से चुनाव जीते जसबीर डिंपा ने दैनिक जागरण को बताया कि कांग्रेस हाईकमान ने टिकट वितरण में उन्हें निराश किया है। अभी तक ट्वीट पर उन्होंने जो कमेंट्स किए, उस पर वह पूरी तरह कायम हैं। डिंपा ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आते ही आगे की रणनीति उजागर करेंगे। हालांकि उन्होंने खुलकर नहीं बताया कि रणनीति में क्या होगा। सूत्रों की मानें तो डिंपा ने शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के साथ मंगलवार को बैठक करके आगे की सियासी रणनीति पर चर्चा की है।
खडूर साहिब में विधायक रमनजीत सिंह सिक्की से टकराव
बता दें कि कांग्रेस ने खडूर साहिब से तीसरी बार रमनजीत सिंह सिक्की को मैदान में उतारा है। सिक्की पर हलके से गैर हाजिर रहने के आरोप लगते रहे थे। हालांकि जुलाई 2020 में हुए शराबकांड ने सिक्की का पीछा नहीं छोड़ा। सिक्की के पीछे पड़े सांसद जसबीर सिंह डिंपा के भाई राजन गिल द्वारा शिअद ज्वाइन करके खडूर साहिब के सियासी माहौल को बदलने का प्रयास किया गया। सांसद जसवीर डिंपा भी अंतिम समय तक अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए दिल्ली दरबार तक जोड़तोड़ करते रहे पर अंत में विफल रहे। इसी के बाद उन्होंने पार्टी के विरुद्ध बागी तेवर अपना लिए हैं।