जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अधिकारियों के गलत फीडबैक के कारण साल, 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार हुई थी। अधिकारी फीडबैक देते रहे कि कांग्रेस फिर से सत्ता में आएगी, लेकिन पार्टी की हार हुई और 200 में से 21 विधानसभा सीटें ही मिली। सीएम ने कहा कि बोर्ड व निगमों में नियुक्ति पाने वाले विधायकों को कैबिनेट या राज्यमंत्री का दर्जा नहीं दिया जाएगा। उन्हें किसी तरह की सरकारी सुविधा नहीं मिलेगी। सीएम ने दो दिन पहले 50 बोर्ड व निगमों में विधायकों और कांग्रेस के नेताओं को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाकर राजनीतिक नियुक्तियां दी थीं। इन नेताओं के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि राजनीतिक नियुक्ति पाने वाले नेता जनता से फीडबैक लेकर उच्च स्तर पर बताएं। जनता क्या चाहती है यह जानकारी करें, जिससे 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में फिर कांग्रेस की सरकार बन सके।
हमेशा सरकार को खुश करने वाला फीडबैक देते हैं अधिकारी
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि अधिकारी हमेशा सरकार को खुश करने वाला फीडबैक देते हैं। विधायक, अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनने वाले नेताओं को सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना चाहिए, जिससे जनता को पता चल सके कि सरकार उनके लिए क्या काम कर रही है। सीएम ने कहा कि हम नहीं चाहते कि इस बार पहले की तरह अधिकारियों के कारण चुनाव में असफलता मिले। उल्लेखनीय है कि 2013 के विधानसभा चुना में तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने 58 बोर्ड व निगम बनाकर बड़े पैमाने पर कांग्रेसियों को राजनीतिक नियुक्तियां दी थीं।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले अशोक गहलोत ने कहा था कि बुढ़ापे में राजनीति करना हमारे जैसे बुजुर्ग नेताओं की सेहत के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए अंतिम सांस तक हमें जनता की सेवा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सलाह देना चाहूंगा कि 75 साल की उम्र के नेताओं को घर बैठाने का उनका फैसला अच्छा नहीं है। कभी कांग्रेस में कामराज फैसला हुआ था कि 60 साल के नेताओं को राजनीति से निकाल दो। मैंने पता किया कि पहले के दौर में 34 साल व्यक्ति की औसत उम्र होती थी। 1960 में कामराज ने फैसला किया उस समय औसत उम्र 40 साल होती थी। बाद में उम्र बढ़ती गई। अब औसत उम्र 70 साल है। सीएम ने कहा कि बताओ हम घर बैठ जाएंगे तो क्या होगा, लोग मिलने भी नहीं आएंगे। घर बैठ जाएंगे तो सेहत बिगड़ जाएगी। सेहत सही रखने के लिए बुढ़ापे में राजनीति करना जरूरी है। घर बैठ जाएंगे तो हुलिया ही बिगड़ जाएगा, हम अपना हुलिया क्यों बिगाड़ें, इसलिए राजनीति अंतिम सांस तक करेंगे।