गुरनुर ने खुद को यूपी का बताया था
जयपुर स्थित सैन्य छावनी में तैनात शांतिमोय को फंसाने वाली गुरनुर ने खुद को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में शाहजहांपुर की रहने वाली बताया था। उसने जवान को बताया था कि वह मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज में काम करती है। दूसरी महिला निशा ने मिलिट्री नर्सिंग सेवा में काम करना बताया था। राजस्थान पुलिस में इंटेलिजेंस के महानिदेशक उमेश मिश्रा ने बताया कि पश्चिम बंगाल में बांकुडा जिले के कंचलपुर का रहने वाला शांतिमोय मार्च, 2018 में सेना भी भर्ती हुआ था।
सेना के जवान को पैसों का दिया लालच
महिलाओं ने हनीट्रैप (Honey Trap) में फंसाकर जवान को पैसों का लालच दिया। पैसे उसके बैंक खाते में भेजे भी गए थे। मिश्रा ने बताया कि शक के बाद जवान पर कई दिनों से निगरानी रखी जा रही थी। 25 जुलाई को हिरासत में लेकर शुरुआती पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अब तक की जांच में सामने आया कि दोनों महिलाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करती थी। उल्लेखनीय है कि इंटेलिजेंस ने मंगलवार शाम को जवान की गिरफ्तारी अधिकारिक रूप से सार्वजनिक की थी।
शांतिमोय की इस तरह हुई गिरफ्तारी
गौरतलब है कि पाकिस्तानी महिला एजेंट के हनी ट्रैप में आए भारतीय सेना के जवान शांतिमोय को सीआइडी इंटेलिजेंस की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। बंगाल में कंचनपुर जिले का निवासी सैनिक इंटरनेट मीडिया के माध्यम से महिला एजेंट को सेना के सामरिक महत्व की सूचनाएं भेज रहा था। प्रदेश के महानिदेशक (इंटेलिजेंस) उमेश मिश्रा ने बताया कि पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसियों द्वारा राजस्थान में की जा रही जासूसी गतिविधियों पर आपरेशन सरहद के तहत सीआइडी इंटेलिजेंस की ओर से लगातार निगरानी की जा रही है। इसी दौरान जानकारी में आया कि जवान शांतिमोय इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया हैंडलर्स के निरंतर संपर्क में है।