मुंबई। राज्यसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी को समर्थन देने के मुद्दे पर राज्य के छोटे दलों ने उसकी बांहें मरोड़नी शुरू कर दी हैं। दूसरी ओर आघाड़ी के तीनों दल अपने-अपने विधायकों को सुरक्षित स्थानों पर भी ले जाने लगे हैं। महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। इन छह सीटों के लिए सात उम्मीदवार मैदान में हैं, इसलिए राज्यसभा चुनाव में 24 साल बाद मतदान कराने की नौबत आ गई है।
विधायक संख्या के हिसाब से शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा के एक-एक तथा भाजपा के दो उम्मीदवार आसानी से जीत सकते हैं। लेकिन छठवीं सीट के लिए भाजपा और शिवसेना दोनों ने एक-एक अतिरिक्त उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं। यह छठवीं सीट जीतने के लिए भाजपा को अपनी क्षमता से 13 और शिवसेना को उसकी क्षमता से 16 अधिक विधायकों की जरूरत पड़ेगी। चूंकि यह कमी छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों से ही पूरी होनी है, इसलिए छुटभैया दलों व निर्दलियों की पौ बारह हो गई है।